सिवनी/बरघाट। गोरखपुर गांव में शनिवार से शुरू हुए श्री मद्भागवत सप्ताह कथा को लेकर कलश शोभा यात्रा निकली गयी। बाजेगाजे के साथ निकाली गई शोभायात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामवासी, श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।
कथा आयोजन डॉ. राधेश्याम-ममता राहंगडाले ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा दोपहर 2 बजे से शाम 6 तक कथा व्यास पंडित दिनेश मिश्रा नंदीकेश्वर धाम सिवनी द्वारा सुनाई जा रही है।
श्रीमद्भागवत कथा को लेकर कथा वाचक आचार्य श्री दिनेश मिश्रा ने प्रथम दिन श्री भागवत महात्म्य पर प्रवचन किया गया। उन्होंने कहा कि संसार का कोई दुःख नहीं है जिसका समाधान इस कथा से न हो। जब धुंधकारी जैसे पापी का उद्धार हो गया तो अन्य प्राणी क्या है। जरूरी है श्री गोकर्ण जैसा कथा वाचक हो।
कथा व्यास पंडित दिनेश मिश्रा ने कहा कि जिन पर परमात्मा की विशेष कृपा हुई है, वही इस कथा मंडप में पहुंचे हैं। कहा, जीव ईश्वर का स्वरूप होते हुए भी ईश्वर को पहचानने का प्रयत्न नहीं करता है। इसी कारण उसे आंनद की प्राप्ति नहीं होती है। भागवत जीवन दर्शन का ग्रंथ है। यह जीवन जीने की कला का मार्ग दर्शन करता है। भागवत की भक्ति का आदर्श कृष्ण की गोपियां हैं। गोपियों ने घर नहीं छोड़ा। उन्होंने स्वधर्म त्याग नहीं किया वे वन में नहीं गई फिर भी वह श्री भगवान को प्राप्त कर सकीं। भागवत ज्ञान, वैराग्य को जागृत करने की कथा है। ज्ञान और वैराग्य मनुष्य के अंदर हैं, पर वह सोए हुए हैं। भागवत के अलावा अन्य कोई ग्रंथ नहीं जो मनुष्य मात्र को सात दिन में मुक्ति का मार्ग दिखा दे।
कथा आगामी शनिवार 29 मार्च को हवनपूजन, महाप्रसाद एवं पूर्णाहुति के साथ विश्राम लेगी।


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