छिंदवाड़ा। यज्ञ एक पवित्र अनुष्ठान है, जिसमें अग्नि को प्रसन्न करने के लिए हवन किया जाता है। यह अनुष्ठान देवताओं को प्रसन्न करने और मानव को पापों से मुक्त करने के लिए किया जाता है। उक्ताशय की बात कथा व्यास आचार्य श्री हितेंद्र पांडे जी काशी (मातृधाम) ने शिव मंदिर प्रांगण, बसंत कॉलोनी छिंदवाड़ा में चल रही श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा में रविवार को श्रद्धालुजनों से कहीं।
कथा व्यास आचार्य हितेंद्र पांडे जी ने आगे बताया कि यज्ञ करने से देवता प्रसन्न होते हैं, बलवान होते हैं और उसे यजमान को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
भगवती राजराजेश्वरी कह रही है, मैं सदैव सदैव अलग-अलग नाम से उत्पन्न होती हूं समाज में ज्ञान परिवार का पाठ पढ़ाना होता है तब मैं सीता का रूप लेती हूं।
कथा आयोजन प्रकाश तिवारी, सुनीता तिवारी ने बताया की कथा श्रवण करने की संख्या में दूर दराज से श्रद्धालुजन पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि यहां सोमवार को श्रीमद् देवी भागवत महाकथा में यज्ञ विधान, सुदर्शन शशिकला प्रसंग, श्री राम कथा सुनाई जाएगी तथा 18 फरवरी को कृष्ण अवतार, देवी की उत्पत्ति, महिषासुर वध की कथा सुनाई जाएगी। वही 22 फरवरी को हवन, कन्या भोजन, महाप्रसाद वितरण एवं कथा का विश्राम होगा।










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