महात्मा ज्योतिबा राव फुले की 135 वीं पुण्यतिथि पर हुआ आयोजन

महात्मा फुले के विचार आज भी प्रासंगिक

सिवनी। आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महात्मा ज्योतिबा राव फुले की पुण्यतिथि पर पीएम कॉलेज आफ एक्सीलेंस में पुण्य स्मरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें प्राध्यापकों के वक्तव्य के माध्यम से विद्यार्थियों ने महात्मा फुले के जीवन को जाना और समझा।

हिंदी विभाग, संस्कृत विभाग और राजनीति विज्ञान विभाग के संयुक्त आयोजन में कार्यक्रम की शुरुआत में महात्मा ज्योतिबा राव फुले के छायाचित्र पर छात्र-छात्राओं और प्राध्यापकों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

समरसतावादी समाज के निर्माण में फुले का योगदान विषय पर प्राचार्य डॉ रविशंकर नाग ने कहा कि समरसतावादी समाज के निर्माण में महात्मा फुले ने अपना पूरा जीवन लगा दिया। उन्होंने छुआछूत और भेदभाव को मिटाने के लिए अथक प्रयास किये। कहा कि आज भारतीय समाज को एक होकर आगे बढ़ना होगा।

विशेष वक्ता डॉ. मुन्नालाल चौधरी ने कहा की महिलाओं की शिक्षा के लिए महात्मा फुले ने ऐतिहासिक कार्य किया है . अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले को महात्मा फुले ने शिक्षित किया और उनके साथ मिलकर आजीवन महिलाओं को शिक्षित करने के प्रयास किया. बताया कि उनके गुरु ने ज्योतिबा फुले जी को महात्मा की उपाधि से सम्मानित किया था।

समाज सुधार का बीड़ा उठाया – विशेष वक्ता प्रोफेसर सत्येन्द्र कुमार शेन्डे ने बताया कि महात्मा फुले भारत के ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने किसानों का कोड़ा नामक अपनी किताब लिखकर भारतीय किसानों की समस्या की ओर अंग्रेजी सरकार का ध्यान दिलाया. किसने की समस्याओं पर लिखी है किताब आज भी प्रासंगिक है. प्रोफेसर शेन्डे ने बताया कि 1848 में फुले जी ने बालिकाओं की शिक्षा के लिए भारत का पहला महिला स्कूल खोला. कहां की सत्यशोधक समाज की स्थापना कर समाज सुधार का बीड़ा उठाया।

विशेष वक्ता के रूप में लाइब्रेरियन सी एल अहिरवार ने कहा कि बेसहारा विधवा महिलाओं को आश्रय देने के लिए महात्मा फुले जी ने आश्रम भी खोले थे . बताया कि महात्मा फुले ने अंग्रेजी सरकार को भारतीय जातिवाद की समस्या से अवगत कराया. कहा कि उनकी किताब गुलामगिरी आज भी बहुत पढ़ी जाती है।
युवा शिक्षक अमितोष ने कहा कि महात्मा फुले आज भी प्रासंगिक हैं। युवा शिक्षक उमाशंकर वर्मा ने कहा कि महात्मा फुले के सिद्धांतों के आधार पर ही भारतीय संविधान की स्थापना हुई . उनके सिद्धांत संवैधानिक मूल्यों के रूप में हमारे सामने हैं।

कार्यक्रम में डाॅ सविता मसीह, डाॅ मानसिंह बघेल, डाॅ नागले ने भी अपने विचार रखे.
कार्यक्रम में एम ए की छात्रा रक्षा राहंगडाले ने महात्मा फुले के जीवन पर आधारित कविता का भावपूर्ण पाठ किया।

कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर सत्येन्द्र शेन्डे ने किया. कार्यक्रम में डॉ ज्योति गजभिये, डॉ सीमा मर्सकोले, डॉ. लीडिया कुमरे, डॉ एमसी सनोडिया, दिलीप बागरे, छाया राय सहित कॉलेज स्टाफ और पीजी तथा यूजी कक्षाओं के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

ताजासमाचार ग्रुप से जुड़ने लिंक मांग सकते हैं। वाट्सएफ नम्बर 94 2462 9494 से । या न्यूज के नीचे जाए और दिए गए वाट्सएफ जवाइन निर्देश बॉक्स में दो बार क्लिक कर ग्रुप में ज्वाइन हो सकते हैं। संतोष दुबे, सिवनी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *