हिन्दी दिवस पर भारतीय ज्ञान परंपरा से परिचित हुए विद्यार्थी
सिवनी। प्रधानमंत्री काॅलेज ऑफ एक्सीलेंस के हिंदी विभाग और भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के संयुक्त आयोजन में हिंदी दिवस मनाया गया. मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के शैक्षणिक कैलेंडर के अन्तर्गत आयोजित कार्यक्रम में हिंदी ज्ञान परंपरा और हिंदी साहित्य की भूमिका विषय पर छात्र-छात्राओं, प्राध्यापकों और वक्ताओं ने अपने विचार रखे।
कार्यक्रम की शुरूआत में भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ द्वारा मुख्य वक्ता का शाॅल और श्रीफल से सम्मान किया गया.
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए हिंदी विभाग की अध्यक्ष डॉ सविता मसीह ने हिंदी के हजार वर्षों के इतिहास पर व्यापक प्रकाश डाला बताया कि हिंदी का विकास एक लंबी परंपरा के तहत हुआ। कहा कि मौजूदा हिंदी में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सुभाष चन्द्र शर्मा ने भारतीय ज्ञान परंपरा और रामचरितमानस विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि रामचरितमानस हिंदी ही नहीं बल्कि विश्व का सबसे बड़ा प्रेरणा देने वाला महाकाव्य है. रामचरितमानस के कई मार्मिक प्रसंगों का उदाहरण देते हुए बताया कि रामचरितमानस हमें अच्छा इंसान बनने की सीख देता है. प्रोफेसर शर्मा ने भक्ति के नौ रूपों पर भी व्यापक प्रकाश डाला।
प्राचार्य डाॅ. रविशंकर नाग ने हिन्दी विषय के महत्व पर अपनी बात कही . कहा की रामचरितमानस का भारतीय ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने में बड़ा योगदान है .
विशेष वक्ता के रूप में हिन्दी विभाग के प्रोफेसर सत्येन्द्र कुमार शेन्डे ने कहा कि माँ, मातृभूमि और मातृभाषा जीवन में सबसे बढ़कर होती हैं. हिंदी की वर्तमान चिंताजनक स्थिति को देखते हुए कहा कि हिंदी साहित्य तो बढ़ रहा है लेकिन आम जीवन में हिंदी का प्रयोग घट रहा है. बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में हर विद्यार्थी को तीन भाषाएँ सीखनी होगी।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए क्रीड़ा अधिकारी केसी राउर ने कहा कि हिंदी दिवस भी हमारा राष्ट्रीय पर्व है. कहा कि हमें हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देना होगा. कार्यक्रम में एम ए हिंदी की छात्रा अंबिका मिश्रा, गरिमा सेंगर आयशा अंसारी, रक्षा राहंगडाले और छात्र उमेश वट्टी ने भी अपने विचार रखे।
प्रश्न मंच का आयोजन रहा आकर्षण का केंद्र – हिंदी भाषा और साहित्य तथा आम जन जीवन में हिंदी का प्रयोग और भारतीय ज्ञान परंपरा में हिंदी का योगदान जैसे विषयों पर केंद्रित प्रश्नमंच का आयोजन हिंदी विभाग द्वारा किया गया. छात्र-छात्राओं ने प्रश्न मंच में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. सही उत्तर देने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। पुरस्कार पाकर छात्र-छात्राओं के चेहरे खिल उठे। सभी प्राध्यापक को शिक्षकों और छात्र-छात्राओं ने प्रश्न मंच की सराहना की। प्रश्न मंच का सफल संचालन प्रोफेसर सत्येन्द्र कुमार शेन्डे और जन भागीदारी प्राध्यापक अमितोष सनोडिया ने किया।
भारतीय ज्ञान पंरपरा प्रकोष्ठ द्वारा हिन्दी विषय पर छात्र छात्राओं के लिये निबंध प्रतियोगिता एवं हिन्दी पुस्तकों की प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। प्रकोष्ठ प्रभारी डाॅ. श्यामसिंह राहंगडाले और हिंदी विभाग के शिक्षक अमितोष सनोडिया ने सभी के प्रति आभार जताया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष अजय बाबा पांडेय, डॉ मानसिंह बघेल, डॉ. एमसी सनोडिया, डॉ दिनेश वर्मा, प्रोफेसर पवन सोनिक, डॉ ज्योति गजभिए डॉ. पूनम अहिरवार, जन भागीदारी शिक्षक छाया राय, नीलेश्वरी बिसेन, डॉ नागले सहित अन्य विभागों के प्राध्यापकों, स्टाॅफ, एम ए हिंदी के छात्र-छात्राओं सहित अन्य कक्षाओं के विद्यार्थियों की सक्रिय उपस्थिति रही।
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