सिवनी। तीन दशक पहले तक शहर के अंदर अस्तित्व में रही बबरिया नहर पर हुए कब्जों की जांच चार माह से बंद है। नहर की जमीन पर कब्जा कर अनेक लोगों ने बहुमंजिला इमारत तान दी है। फरवरी माह में सीमांकन शुरु होने के बाद कब्जा करने वालों में हडक़ंप मच गया था।राजस्व विभाग की टीम ने नगर पालिका के अमले के साथ बबरिया रोड पर प्रकाश कालोनी के पास से नाप-जोख की शुरुआत किया था। इस कार्रवाई के पहले ही दिन कई निर्माण जमीन में नहर के ऊपर पाए गए थे।इनमें मकानों के साथ ही दुकानें, बाउंड्रीवाल का निर्माण भी पाया गया था।कुछ दिन तो जांच और सीमांकन की कार्रवाई की गई इसके बाद से जांच और कार्रवाई करने की ओर प्रशासन भूल गया है।
नपाई पूरी लेकिन नहीं सौंपा गया जांच प्रतिवेदन – जानकारी के अनुसार नहर की जमीन के सीमांकन का कार्य पूरा हो गया है लेकिन इसका प्रतिवेदन अब तक नगरपालिका को नहीं सौंपा गया है।ना तो नगर पालिका नहर की जमीन में हुए पक्के कब्जों को हटाने में रुचि दिखा रही है और ना ही सीमांकन कार्रवाई में शामिल राजस्व अमला कार्रवाई को आगे बढ़ा रहा है।जांच में पुलिस अधीक्षक निवास के पास कई पक्के मकान व अन्य निर्माण नहर की जमीन में पाए गए हैं।इसके बावजूद पांच माह बीतने के बाद भी कोई कब्जा हटाने या कब्जा करने वालों पर कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
नहीं बचा है नहर का अस्तित्व – तीन दशक पहले तक अस्तित्व में रही यह नहर वर्तमान में पूरी तरह से गायब हो चुकी है।नहर के ऊपर दर्जनों मकान-दुकान आदि निर्माण कर लिए गए हैं।जानकारों के अनुसार शहर के कंपनी गार्डन तक आई नहर के पानी से दलसागर तालाब तक को भरा जाता था और दलसागर तालाब ओवरफ्लो होता था तो उसके पानी से बुधवारी तालाब भी भरता था।एसपी बंगले के बगल से बाबूजी नगर होते हुए कंपनी गार्डन तक रिकार्ड में नहर की चौड़ाई 16 मीटर है।इसमें कब्जा कर पक्के निर्माण कर लिए गए हैं।वहीं नहर के ऊपर निर्माण के साथ नहर को पाटकर सडक़ बना ली गई है।नहर पाटकर किए गए निर्माणों में बैंक तक संचालित होना जांच में पाया गया था।
साधारण सम्मिलन में पारित हुआ था प्रस्ताव – इसी साल नौ जनवरी को हुए नगर पालिका के साधारण सम्मिलन में सर्वसम्मति से नहर की जमीन का सीमांकन कराने का प्रस्ताव पारित हुआ था।सम्मिलन में तय किया गया था कि गायब हो चुकी नहर के ऊपर अतिक्रमण कर बनाए गए निर्माणों को तोड़ा जाएगा।इसके बाद नगर पालिका सीएमओ आरके कुर्वेती ने तहसीलदार को सीमांकन के लिए पत्र लिखा था।इसके बाद फरवरी माह में सीमांकन का कार्य शुरू होते ही कब्जे करने वालों में हड़कंप मच गया था।कुछ दिनों बाद ही लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने से सीमांकन की कार्रवाई में रोक दी गई।आचार संहिता समाप्त होने के एक माह से अधिक बीत जाने के बाद भी दोबारा जांच शुरू करने व कब्जे हटाने के लिए कार्रवाई शुरू नहीं की जा सकी है।
इनका कहना है – बबरिया तालाब की नहर का सीमांकन कार्य की कार्रवाई दोबारा शुरू नहीं हो सकी है।इस मामले में राजस्व विभाग आगे की कार्रवाई करेगा।जांच प्रतिवेदन और सीमांकन के आधार पर कब्जे हटाने की कार्रवाई किया जाना है।
अरके कृर्वेती, सीएमओ, नगर पालिका सिवनी
नहर की जमीन पर सीमांकन कार्य के दौरान कई लोगों के पक्के मकान व अन्य निर्माण कार्य नहर की जमीन पर होना पाए गए थे।इस मामले में पटवारी या अन्य राजस्व अधिकारी ने अब तक जांच प्रतिवेदन ही नहीं दिया है।इस मामले में कलेक्टर से मिलकर आगे की कार्रवाई कराने का प्रयास किया जाएगा।सफीक खान, अध्यक्ष, नगरपालिका, सिवनी
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