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8 Dec 2025, Mon

कलेक्टर, एसपी, एसई कौन है, शिक्षकों को ही नहीं मालूम, तो,,,

सिवनी। अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी, टके सेर खाजा। भ्रष्ट अधिकारी तो उनके अधीनस्थ कर्मचारी मर्जी के मालिक। उक्त कहावत सिवनी जिले में देखने को मिल रही है। शुक्रवार 23 फरवरी 2024 को स्कूल में काफी लापरवाही देखने को मिली।

यहां वर्तमान में जो कलेक्टर, एसपी हैं उनका नाम कोई नहीं जानता। शिक्षक, जनशिक्षकों सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी रोज स्कूल की बाहरी दीवार में लिखें कलेक्टर, एसपी व सहायक संचालक समेत अन्य अधिकारी-कर्मचारी का नाम लिखे देखते हैं और चले जाते हैं। हर साल शाला भवन के रंग रोगन, पेंटिंग, साफ-सफाई, मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए सरकारी मद से निकलते हैं। लेकिन यह रुपए नीचे से ऊपर तक न जाने किस-किस को और कहां-कहां चले जाते हैं किसी को पता नहीं। पर कलेक्टर, एसपी कब बदल गए उनकी जगह कौन नए आए और फिर वे भी कब चले गए इसके बाद दूसरे नए आए लेकिन सुदूर अंचलों के स्कूल की व्यवस्था पढ़ाई सब ‘ढाक के तीन पात’ की तरह है। सभी मनमर्जी के नजर आ रहे हैं। विकासखंड घंसौर अंतर्गत ग्राम पंचायत पिपरिया के गांव बंजरटोला स्कूल की दीवार में आज भी पुराने कलेक्टर का नाम प्रवीण सिंह अढायच, सहायक आयुक्त सत्येंद्र मरकाम व एसपी ललित शाक्यवार का नाम बड़े-बड़े अक्षरों से लिखा है।

कलेक्टर प्रवीण सिंह के बाद दूसरे कलेक्टर राहुल हरिदास फिटिंग आए और वे भी चले गए। इसके बाद वर्तमान में कलेक्टर क्षितिज सिंगल है यहां तीसरे कलेक्टर आ चुके हैं, जो फरवरी 2023 में आये एक साल हो चुका है, लेकिन दीवार में सब कुछ पुराना ही पुराना है। इस प्रकार की व्यवस्था से सहज ही यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले की शिक्षा व्यवस्था, कामकाज  किस कदर चरमराई है।

सुदूर अंचलों के अधिकांश स्कूलों में दो शिक्षकों में से अधिकांश एक शिक्षक ही स्कूल में नजर आते हैं। प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों से कई गुना अधिक वेतन पाने वाले सरकारी स्कूल के शिक्षकों की मनमर्जी, लापरवाही के चलते आज सरकारी व्यवस्थाएं ठप हो रही है और निजीकरण को बढ़ावा मिल रहा है। एक और जहां हाल ही में ट्राइबल विभाग के अधिकारी भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त नजर आ रहे हैं व पूर्व में किए गए भ्रष्टाचार के चलते उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है और वह वर्तमान में अपने कार्यालय नहीं पहुंच रहे हैं। जिसके चलते भी ट्राईबल विभाग में अनेक लापरवाही, मनमर्जी का भी आलम देखने को मिल रहा है। उच्च अधिकारी की अनुपस्थिति में ट्रायबल विभाग के अनेक स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों, कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले हो गई है। कोई जांच करने वाला नहीं है, तो कोई सजा देने वाला ही नहीं है। जिसके चलते स्कूल की पढ़ाई व अन्य कामकाज भी ठप हो गए हैं।

इस मामले में भिलाई जनशिक्षक तीरथ लखेरा ने बताया कि विकासखंड घंसौर के अंतर्गत कई स्कूलों में अभी भी वर्तमान कलेक्टर, एसपी का नाम नहीं लिखा है। इसमें सुधार किया जाएगा। जिन स्कूलों में नियमित रूप से शिक्षक नहीं पहुंच रहे हैं और समय से पहले स्कूल की छुट्टी हो रही है यहां जांच के बाद दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।

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