सिवनी। प्रभु हमें समझाना चाहते हैं कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है। इसलिए असार यानी संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण संभव है। उक्ताशय की बात कथा व्यास कन्हैया जी महाराज ने बुधवार को एफसीआई गल्ला गोदाम के पास मांगलीपेठ, कस्तूरबा वार्ड सिवनी में जारी श्रीमद् भागवत कथा में श्रद्धालु जनों से कहीं। श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन रामकृष्ण महिला मंडल कस्तूरबा वार्ड सिवनी द्वारा किया जा रहा है।
श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथा सुनाते हुए कहा यमुना के कालीदाह से कालिया नाग का दमन कर उसे रामनक द्वीप भेजा जाता है. कालिया नाग, गरुड़ के डर से यमुना में आकर रहने लगा था. उसने यमुना को ज़हरीला कर दिया था। इसके पानी पीने से पशु-पक्षी मरने लगे. प्रभु श्रीकृष्ण ने बाल्यकाल में ही कालिया नाग का मर्दन किया।
उन्होंने कहा कि कृष्ण ने बृजवासियों को मूसलाधार बारिश से बचाने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर उठाकर रखा और गोप-गोपिकाएं उसकी ओट में सुखपूर्वक रहे।
भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा।





ताजासमाचार ग्रुप से जुड़ने लिंक मांग सकते हैं। वाट्सएफ नम्बर 94 2462 9494 से । या न्यूज के नीचे जाए और दिए गए वाट्सएफ जवाइन निर्देश बॉक्स में दो बार क्लिक कर ग्रुप में ज्वाइन हो सकते हैं। संतोष दुबे, सिवनी।

