सिवनी। शिक्षक आशीष भट्ट ऑफिस कक्ष में बैठे थे। इसके बाद वह बाथरूम में चले गए। जहां पर उन्होंने अपने बाएं हाथ की नस को ब्लेड से कई बार काटा। जिससे उनके हाथ में करीब 100 घाव हो गए। इसके अलावा गर्दन में भी ब्लेड से काटा। इस बीच वह एक बार बाथरूम से बाहर भी आए और कमरे के अंदर गए, क्योंकि खून की बूंदें बाहर पड़ी हुई थीं। इसके बाद वह पुनः बाथरूम चले गए। कुछ देर बाद वह अचेत होकर बाथरूम के दरवाजे के बाहर गिर गए। और भृत्य रामलाल को आवाज लगाने लगे। उनकी आवाज सुनकर प्राचार्य लक्ष्मण प्रसाद मर्सकोले को पड़ी। वह तत्काल बाथरूम की तरफ गए तो वहां पर शिक्षक आशीष भट्ट जमीन पर पड़े हुए कराह रहे थे। इसके बाद प्राचार्य व स्कूल के एक छात्र ने उन्हें बाथरूम से बाहर निकालकर ऑफिस में लाया गया। बता दें कि भट्ट वर्ष 2014 से राजा पटना स्कूल में पदस्थ थे। वे पटेरा में बीआरसी के पद पर भी पदस्थ रहे। इसके बाद पुनः जोरतला स्कूल में प्रभारी प्राचार्य के पद पर पदस्थ रहे। इसके बाद स्कूल में रेगुलर प्राचार्य की पदस्थापना होने के बाद वह शिक्षक के रूप में पढ़ाते रहे। उनका एक बेटा व एक बेटी है। बेटा चौथी कक्षा में पढ़ता है, जबकि बेटी कक्षा सातवीं में पढ़ती है। प्राचार्य लक्ष्मण प्रसाद मर्सकोले ने बताया कि वह – सामान्य रूप से स्कूल आते थे। कभी भी ऐसा नहीं लगा कि वह किसी बात को लेकर परेशान हैं। मंगलवार को भी वह समय पर स्कूल आए थे। इसके बाद वह कार्यालय में बैठ गए।
दमोह एसपी सुनील तिवारी ने बताया कि, शिक्षक आशीष भट्ट के द्वारा अपनी हाथ की नस काटकर आत्महत्या की गई है। मृतक के पास एक सुसाइड नोट मिला है जिसकी जांच की जा रही है। उन्होंने सुसाइड नोट के बारे में केवल इतना बताया कि पारिवारिक विवाद की संभावना व्यक्त की जा रही है बाकी जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है मर्ग दर्ज कर जांच की जा रही है। सुनील तिवारी एसपी दमोह विशाल रजक तेंदूखेड़ा/दमोह
की रिपोर्ट
शिक्षक आशीष भट्ट का प्रापर्टी के – बंटवारा को लेकर परिवारिक विवाद चल रहा था इसकी जानकारी परिजन को भी थीं। लेकिन अचानक यह कदम क्यों उठाया इस पर सवाल खड़ा हो रहा है मृतक ने जो तीन पेज सुसाइड नोट के लिखे हैं, उनमें 5 अलग-अलग बातों का उल्लेख किया है। पुलिस ने अभी वं परिजन के बयान नहीं लिए हैं, इसलिए नोट का खुलासा नहीं किया है।