मध्य प्रदेश राजनीति सिवनी

राजनीतिक षड्यंत्र के चलते विधानसभा समाप्त कर उपेक्षित घंसौर को जिला बनाकर सम्मान व स्वाभिमान वापस करे सरकार

सिवनी/घंसौर। विलोपित घंसौर विधानसभा का प्रतिनिधित्व स्व उर्मिला सिंह के द्वारा किया जाता था जिन्होंने घंसौर सहित पूरे क्षेत्र को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुचाया। घंसौर क्षेत्र का दुर्भाग्य ही था कि उनका प्रतिनिधित्व समाप्त होते ही घंसौर सीट को विलोपित कर आदिवासी,पिछडा वर्ग के लोगो के साथ अन्याय किया गया ओर विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए गए।

आखिर कब तक जिला और नगर पंचायत के लिए तरसेगी हमारी तहसील घंसौर – घंसौर के कुछ बुद्धिजीवियों ने, कुछ नेता नुमा लोगो ने सिर्फ घंसौर तहसील की कमिया ही गिनाई है। जैसे नगर पंचायत नही है। घंसौर की जनसंख्या कम है और भी बहुत कुछ बाते जो तर्कसंगत बिल्कुल भी नही है। ऐसे कुंठित बुद्धिजीवियों व ऐसे नेताओं को स्वयं न तो कुछ करना है न ही किसी को कुछ करने देना है बल्कि मीन-मेख निकाल कर लोगो को बरगलाना आता है। जबकि बहुसंख्यक आदिवासीयो,पिछड़ा बर्ग व अन्य गरीब तबके के हित मे सरकार के लिए नगर पंचायत और जिला दोनों की एक साथ घोषणा करना या बनाना असंभब बिल्कुल भी नही हैं।

आखिर क्या नही है घंसौर तहसील को जिला बनाने में यह भी गौरतलब है –
1) नर्मदातट – का बहुआयामी,बृहद क्षेत्र,जहाँ के रमणीय स्थलों की परिक्रमा जनप्रतिनिधियों के साथ साथ साधु संत व आम जन भी करते है ।
2) बरेला पावर प्लांट यहाँ से बिभिन्न प्रदेशों को विद्युत आपूर्ति की जाती है जिससे कई अरबो का राजस्व सरकारों को प्राप्त होता है याने सरकार को राजस्व देने में भी अग्रणी है घंसौर क्षेत्र
3) बृहद ब्राडगेज परियोजना ब्राडगेज परियोजना जिसका निरंतर बिकास हो रहा है जिसमे माल गाड़ी व पैसेंजर गाड़ियों से रेल्वे को अरबो का राजस्व मिलता है दूसरी लाइन का भी कार्य प्रारंभ हो चुका है जिससे सीधा संपर्क कई प्रदेशों से हो सकेगा।
4) घंसौर का जबलपुर, मंडला, सिवनी जिलो से सीधा संपर्क स्थापित है। स्टेट हाइवे रोड को नेशनल हाइवे बनाए की कार्यवाही प्रचलन में है।
5) बृहद आदिवासी,पिछडाबर्ग बाहुल्य क्षेत्र जिसमे अन्य बर्ग के लोग भी निवास करते है
6) चार बिधानसभा क्षेत्रो का केंद्र बिंदु (बरगी 35 किमी, लखनादौन 45 किमी, केवलारी 45 किमी, नैनपुर 45 किमी,) है जबकि घंसौर को छोड़कर किसी अन्य तहसील को जिला बनाने से चारो बिधान सभा क्षेत्रों को समान दूरी में जिला मुख्यालय देना असंभब होगा । और पुनः दूरस्थ तहसीलो के लोगो को नया जिला बनाने की मांग बुलंद करनी होगी । जिससे शासन को पुनः नया जिला बनाने की मांग का सामना करना पड़ेगा और नई मुसीबत से दो चार होना पड़ेगा ।
7) स्वयं घंसौर तहसील सहित लखनादौन 45 कि मी, धनोरा 22 कि मी,केवलारी 45 कि मी,नैनपुर 35 कि मी,बरगी 35 कि मी आदि का केंद्र बिंदु है सभी को नजदीक व समान दूरी में जिला मुख्यालय दिया जा सकता है ।
8) स्टेट हाइवे का बृहद सड़क मार्ग जिसे नेशनल हाइवे मे *बदलने *की योजना चल रही* है*
9) पायली रेस्टहाउस – नर्मदा नदी के तट पर बना एक मात्र रमणीय व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान,यहां पर मध्यप्रदेश सहित अन्य प्रदेशो से राजनेता,बड़े बड़े अधिकारी,आम लोग घूमने आते है ।
ओर भी बहुत कुछ खुबिया लिए हुए है घंसौर क्षेत्र,मात्र नगर पंचायत नही होने का रोना रोकर जिले की मांग को नकारना कुंठित मानसिकता व आकाओ की चाटुकारिता की निशानी है।

एक बात और विचारणीय हैसमाजसेवी नारायण पटेल ने बताया है कि लखनादौन को जिला बनाए जाने पर कोई आपत्ति नही है परंतु पूर्व के अनुभव अनुसार नगर पंचायत बनाने का प्रस्ताव छपारा, केवलारी, घंसौर तीनो का शासन को भेजा गया था लेकिन राजनैतिक कुचक्र के कारण घंसौर को नगर पंचायत का दर्जा नही मिल पाया,इसी तरह यदि लखनादौन को जिला बनाने में सिवनी, नरसिंगपुर के कम दूरी या अन्य कोई भौगोलिक समस्या आती है तो लखनादौन के जागरूक लोगो को विकल्प के रूप में घंसौर का नाम भी जिला बनाए जाने के लिए प्रस्तावित करना चाहिए।

घंसौर क्षेत्र के आदिबासी पिछडावर्ग, अन्य बहुसंख्यक,व अल्पसंख्यक समुदाय के लोगो की मांग है कि विधानसभा का प्रतिनिधित्व समाप्त कर घंसौर क्षेत्र को अपमानित व उपेक्षित किया जा चुका है। अतः सभी राजनेताओ व शासन से अपील है कि जिला बनाकर घंसौर क्षेत्र के सम्मान को बापस लौटाया जाए जिससे इस क्षेत्र के साथ न्याय किया जा सके ।

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