सिवनी। जिला मुख्यालय स्थित बारापत्थर क्षेत्र में सांसद और विधायक का निवास है। इनके निवास से महज डेढ़- 2 किलोमीटर दूर गांव मानेगांव में पानी की एक-एक बूंद के लिए लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है। जहां पानी की इतनी किल्लत है वही गांव से बवरिया तालाब भी लगा हुआ है। इसके बाद भी जनप्रतिनिधियों द्वारा चुनाव के समय लोक लुभावने वादे किए जाते हैं पर शहर हो या गांव लोगों को ना तो पक्की सड़कें मिल पा रही हैं और ना पानी की किल्लत से निजात मिल पा रहा है। समस्याएं जस की तस बनी हुई है। इसके ठीक उल्टे जनप्रतिनिधियों के स्वयं के व्यवसाय उद्योग धंधे में किसी भी प्रकार की कमी नजर नहीं आ रही है। दिन-रात जनप्रतिनिधि फल फूल रहे हैं वही ठीक इसके विपरीत आमजन गरीबी तंगहाली में जीते हुए मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित नजर आ रहा है।
गर्मी के मौसम की अभी शुरुआत हो रही है और नगर सीमा से लगे गांव में पीने के पानी की एक एक बूंद के लिए ग्रामवासियों को अत्यधिक संघर्ष करने मजबूर होना पड़ रहा है। नगर के शास्त्री वार्ड 12 पत्थर क्षेत्र से महज डेढ़ किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत कोहका के गांव मानेगांव में पीने के पानी की किल्लत से ग्रामीण कई महीनों से हलकान हैं। गांव के विद्यार्थी वार्षिक परीक्षा की तैयारी के बीच में सुबह- शाम रात तक पढ़ाई छोड़ कर पानी की कुप्पी भरने वह घर ले जाने में ही अपना कीमती समय बर्बाद कर परेशान नजर आ रहे हैं।
हमेशा बनी रहती है समस्या – मानेगांव के ग्रामवासियों ने पानी की समस्या के विषय में बताया कि यहां कई सालों से पानी की समस्या बनी हुई है। इस मामले में अधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है लेकिन गांव के सभी लोगों को नल से पानी मिल सके ऐसी ठोस व्यवस्था अभी तक नहीं बनाई जा सकी है। ग्रामीणों ने बताया कि नल-जल योजना के तहत 24 साल पहले यहां कुछ काम हुआ लेकिन लगभग आठ-नौ साल पहले योजना बंद हो गई। इसके बाद नई लाइन का टेंडर हुआ। लाइन डाली गई पर किन्हीं कारणों के चलते ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण रहने से काम प्रभावित हुआ। वही गांव में जब सड़क निर्माण कार्य शुरू किया गया तो मशीन से कराए गए कार्य के तहत पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गई, जिसके कारण गांव में पेयजल की समस्या बनी रही। इसके साथ ही वर्ष 2018-19 में पुनः टेंडर हुआ। जहां पंचायत ने वर्ष 2021-22 में पुनः कार्य करते हुए लाइन को जुड़वाया इसके साथ ही निर्मल नीर योजना से गांव में कुआं भी खोदा गया लेकिन पानी कम होने से पेयजल सप्लाई प्रभावित ही रही। साथ ही बोर भी किया गया लेकिन बोर में भी पानी कम निकलने से समूचे गांव के लोगों के लिए पानी व्यवस्था नहीं बन सकी।
मोटर लगाने से बढ़ी समस्या – ग्रामवासियों ने बताया कि वर्तमान में पंचायत के बोर से पानी सप्लाई की जा रही है लेकिन गांव में कुछ लोगों द्वारा नालों में मोटर लगाए जाने से आगे के लोगों के घरों में नल से पानी नहीं मिल पाता है। वही ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि कुछ लोगों ने पंचायत की लाइन को तोड़कर अवैध कनेक्शन भी ले रखा है जिससे घर-घर पानी जाना बंद हो गया है।
बोर के पास लगे दो नल वर्तमान में बोर के पास दो न लगाए गए हैं इन नल से आसपास के लगभग 20-25 घरों के लोग पानी भर पा रहे हैं वही गांव की 34 कॉलोनी के निवासियों को पीने के पानी के लिए अभी भी जद्दोजहद करना पड़ रहा है। लगभग 300 घर वाले मानेगांव में लगभग 1800 ग्रामवासी रह रहे हैं लेकिन पानी की समस्या से पूरी तरह अभी तक इन्हें निजात नहीं मिल पाया है।
शिकायतों पर अमल नहीं – मानेगांव के ग्रामीणों ने पेयजल नहीं मिलने पर इस मामले की शिकायत छोटे बड़े अधिकारी कर्मचारियों समेत जनप्रतिनिधियों से कई बार की इसके साथ ही 181 में भी कई शिकायतें की जा चुकी है लेकिन समस्या का निराकरण अभी भी ठंडे बस्ते में है।
पढ़ाई-कृषि कार्य प्रभावित – पानी की व्यवस्था करने में ग्रामीणों व स्कूली विद्यार्थियों का काफी समय बर्बाद हो रहा है। वार्षिक परीक्षाओं का समय नजदीक है और गांव के होनहारों को हाथ में कुप्पी रखकर नल से पानी भरने में ही अपना कीमती समय जाया करने में मजबूर होना पड़ रहा है। इसके साथ ही कृषि कार्य प्रभावित होने से गांव के किसान भी खासे परेशान हैं वही पानी भरने की आपाधापी में गांव में लड़ाई झगड़े भी काफी हो रहे हैं।
इनका कहना है
मानेगांव में पेयजल समस्या तो है इसके लिए कुए से व्यवस्था बनाई गई थी लेकिन कुए का पानी खत्म हो गया। वही गांव के शारदा मंदिर के पास बोर है, मोटर डली है। यहां से कनेक्शन करने के लिए आवेदन दे दिया गया है। – लक्ष्मी मर्सकोले सरपंच ग्राम पंचायत कोहका
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