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सिवनी। डूंडासिवनी थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव कंडीपार निवासी शिवम भलावी पिता स्वर्गीय जीत सिंह भलावी (13) अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिवम बींझावाड़ा स्थित आदिवासी बालक आश्रम अंग्रेजी माध्यम बींझावाड़ा सिवनी में कक्षा आठवीं का छात्र था। उक्त छात्र पिछले 17 तारीख से छात्रावास में नहीं रह रहा था। इसके साथ ही हाल ही में संपन्न हुई छमाही परीक्षा देने वह घर से स्कूल जाता था। जबकि उसे आश्रम में ही रहना था। पढ़ाई में लगातार गिरावट आने व आदिवासी बालक आश्रम में उक्त छात्र के नहीं रहने पर इस मामले में शिक्षक-शिक्षिकाओं व अधीक्षक ने शिवम की मां माधुरी भलावी को इसकी सूचना दी। जिस पर उसकी मां ने पुत्र शिवम को अच्छे से पढ़ाई करने की नसीहत दी। साथ ही नियमित रूप से छात्रावास में ही रहकर पढ़ाई करने की बात कही। संभवत यह माना जा रहा है कि मां की इस बात से शिवम परेशान हो घर में फांसी के फंदे पर झूल गया। वही परिजनों ने बताया कि शिवम की मां माधुरी गांव से सिवनी मजदूरी करने रोज जाती है। शिवम के पिता की मौत के बाद माँ परिवार का लालन-पालन कर रही है। माधुरी के दो बेटे और एक बेटी है। शिवम से छोटा प्रवीण तथा एक छोटी बहन सुकन्या भलावी है। शुक्रवार को मां मजदूरी करने सिवनी पहुंची तभी दोपहर लगभग 4 बजे शिवम घर के अंदर गया और रस्सी से गले में फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर लिया।
बड़े पिता के पुत्र मृतक का भाई ने देखा और लगाई आवाज – शुक्रवार को शिवम के बड़े बेटा रिंकू का मोबाइल शिवम के घर में चार्ज हो रहा था। वही दोपहर 3 बजे तक शिवम को घर के आसपास खेलते भी देखा गया। अपना मोबाइल लेने के लिए रिंकू जब शिवम के घर गया तो दरवाजा बंद पाया जहां जोर से दरवाजा को धक्का मारा तब वह दरवाजा खुला। दरवाजा खुलते ही रिंकू ने शिवम को फांसी के फंदे में लटका देख तो वह चिल्लाते हुए बाहर निकला और अपने रिश्तेदारों को बताया कि शिब्बू ने फांसी लगा लिया है। परिजन और पड़ोसी तत्काल घर में घुसे और फांसी के फंदे से शिवम को नीचे उतार कर उसे तत्काल उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने जांच के उपरांत मृत घोषित कर दिया। शनिवार को सुबह शिवम का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया है। वहीं पुलिस ने मर्ग कायम कर विवेचना में लिया है।
मैडम का नंबर किया ब्लॉक – स्कूल में नियमित रूप से नहीं आने और आदिवासी बालक आश्रम में नहीं रहने तथा पढ़ाई में लगातार गिरावट आने के मामले में छात्र के हित के लिए शिक्षिका लगातार परिवार के परिजनों के दिए नंबरों पर वह फोन कर करती थी। जिस पर शिवम ने उस नंबर को ब्लॉक कर दिया था। जिसके चलते मैडम को दूसरे के मोबाइल से फोन लगाकर शिवम की इस लापरवाही की सूचना उन्होंने शिवम की मां को दी।
इनका कहना है
शिवम आदिवासी बालक आश्रम में पहली कक्षा से निरंतर पढ़ रहा है, अभी वह आठवीं में था। पिछले कुछ महीनों से उसकी पढ़ाई में गिरावट आ रही थी तथा छमाही परीक्षा में उसके पढ़ाई का स्तर काफी कम नजर आया। इसके साथ ही वह 17 नवंबर से नियमित रूप से ना स्कूल आ रहा है और ना ही आश्रम में रह रहा था। जिसकी सूचना शिवम की मां को दे दी गई थी।
एसके ब्रह्मने प्रधान पाठक, आदिवासी बालक आश्रम अंग्रेजी माध्यम बींझावाड़ा सिवनी।
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