सिवनी। लव मैरिज करने के बाद 4 महीने ही व्यतीत हुए की पति पत्नी के बीच में वाद विवाद होना शुरू हो गया। पत्नी गर्भवती है और हाल ही में दोनों के बीच में हुए विवाद पर गुस्से में आए पति ने पत्नी की पिटाई कर दिया। जिससे गर्भवती पत्नी को काफी समस्याओं से गुजरना पड़ा। इससे पत्नी अपने पति से काफी नाराज थी। वही पति के भाई की शादी है जिस पर पति ने पत्नी को शादी में चलने को कहा जिस पर पत्नी ने कहा कि अभी उसे आराम की सख्त जरूरत है। मैं फिलहाल आराम करूंगी। उसके बाद शादी में आ जाऊंगी। पत्नी से पति सहमत हुआ।
मंगलवार को कोतवाली परिसर स्थित परिवार परामर्श केंद्र में दोनों पहुंचे जहां काउंसलर छिददी श्रीवास ने समझाइस दी व परिवार परामर्श केंद्र प्रभारी प्रभारी ज्योति चौरसिया ने समझाइश दी जिस पर यहां पहुंचे रूठे पति-पत्नी में आपसी समझौता हुआ। परामर्श केंद्र में मंगलवार को 12 प्रकरण रखे थे। 12 प्रकरण में से 7 में समझौता हुआ।
दूसरे प्रकरण में शादी को महज अभी 1 वर्ष ही व्यतीत हुआ जहां डिस्पेंसरी में काम करने वाले पति द्वारा अपनी पत्नी से हमेशा शराब पीकर पत्नी को मारने से घर का माहौल बिगड़ते रहा। पत्नी का कहना है कि पति शराब पीना छोड़ दें। पत्नी के लाख समझाने के बाद भी पति ने शराब पीना नहीं छोड़ा। जिससे दुखी होकर पत्नी अपने मायके में जाकर रहने लगी। मंगलवार को पति-पत्नी दोनों परिवार परामर्श केंद्र पहुंचे। जहां पति ने अपनी गलती को स्वीकारते हुए कहा कि अब वह शराब नहीं पिएगा तथा पत्नी को पूरा समय देगा। भरण पोषण में पूरा ध्यान देगा। दोनों के बीच में राजी खुशी समझौता हुआ।
हुई तीन लड़कियां तो पति ने लड़के की चाह में पत्नी और एक बेटी को पहुंचा दिया मायके
तीसरे प्रकरण में आवेदिका की तीन पुत्री थी। पति चाहता था कि उसको बेटा हो। इसलिए पत्नी को हमेशा सब ससुराल वाले परेशान करते थे।
पत्नी का कहना है कि ईश्वर की इच्छा से तीन बेटियां हैं पर मैं तीनों को अच्छे से रखना चाहती हूं। किंतु पति ने दोनों बच्चों को रख लिया और पत्नी और एक बेटी को उसके घर भिजवा दिया। पत्नी रहना चाहती थी।
दोनों को बुलाया समझाया पति को इस बात की सहमति दिलाए की सब ईश्वर की इच्छा से होता है। बेटी हुई है तीनों बेटियों का भविष्य सवारें और उनकी जिंदगी बनाओगे समझाइश दी गई अच्छे संस्कार दो बेटियों को यह समझाया गया। पत्नी को अच्छे से रखो। पति खेतीबाड़ी का काम करता था। मां-बाप का इकलौता लड़का था उसको इस बात का ज्यादा गुरूर था कि मैं मां-बाप का इकलौता हूं। जो करूंगा सब ठीक करूंगा। समझाइश देने के बाद दोनों राजी खुशी साथ रहने तैयार हुए।
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