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सिवनी। सिविल अस्पताल लखनादौन की छत पर विक्की कहार की अंधी हत्या का गुरूवार को लखनादौन पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं आरोपित के स्वजनों के साथ मृतक के स्वजनों व वार्ड के लोगों ने थाना में हंगामा कर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि राजनैतिक दबाव में आकर पुलिस ने निर्दाेष को पकड़कर आरोपित बना दिया है। वहीं हत्या के वास्तविक आरोपित को पुलिस ने बचा लिया है। इसे लेकर देर शाम तक थाना में लोगों की भीड़ लगी रही।
बीते 30 सितंबर की सुबह करीब आठ बजे सिविल अस्पताल की छत पर विक्की कहार नामक व्यक्ति का शव नग्न अवस्था में मिला था।उसके सिर पर चोट के गहरे निशान पाए गए थे।घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच में लिया था। हत्या के दिन मृतक के स्वजनों ने हाइवे जाम कर आराेपितों पर कार्रवाई की मांग की थी। वहीं दो दिन पहले मंगलवार को भी प्रदर्शन किया था।
गुरूवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे लखनादौन थाना परिसर में आयोजित प्रेसवार्ता में पुलिस अधिकारियों ने हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुुए घटना दिनांक की रात में अस्पताल में डियूटी पर तैनात गार्ड संतोष धुर्वे से कड़ाई से पूछताछ की गई। संतोष धुर्वे ने पूछताछ पर बताया कि वह सिविल अस्पताल लखनादौन में सुरक्षा गार्ड का काम करता है। विक्की कहार सिविल अस्पताल लखनादौन में लगभग 11-12 साल से इलेक्ट्रिशियन का काम करता था। इसके कारण वह बीएमओ डाक्टर सोलंकी का खास बन गया था। इसी का लाभ उठाकर विक्की कहार काम को लेकर अक्सर उससे विवाद करता रहता था। वहीं चाहे जब गार्ड नौकरी से हटवाने की धमकी देता रहता था। पुलिस के अनुसार संतोष धुर्वे ने यह भी बताया कि बीते 29 सितंबर की रात सिविल अस्पताल लखनादौन में उसकी डयूटी थी। इसी रात करीब 10.30 बजे के विक्की कहार ने काल कर गंदी गाली देकर कहा कि काम पर ध्यान नहीं देते अस्पताल की पानी टंकी का पानी खत्म हो गया है। बिक्की का काल आने के बाद वह छत पर गया। इसके बाद अस्पताल पर ही विक्की ने फिर अपशब्दों का प्रयोग कर नौकरी से निकलवादेने की धमकी दी।इस पर गुस्से में पास ही पड़े लोहे की राड से विक्की के सिर पर वार कर दिया। इससे विक्की के बेहोश होकर गिर जाने के बाद उसके बदन कपड़े उतार दिया था, जिससे लोग यह समझे कि विक्की छत में गलत काम करने गया होगा। प्रेसवसर्ता में पुलिस ने बताया कि आरोपित को न्यायालय से पुलिस रिमांड पर लेकर घटना में संलिप्त अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की जाएगी।
पुलिस द्वारा विक्की की हत्या के मामले में संतोष धुर्वे को आरोपित बनाए जाने के बाद थाना में प्रदर्शन करने वाले लोगों का कहना था कि अस्पताल में घटना के दिन नामचीन परिवार के युवक-युवती देखे गए थे। गैर जिले के चार युवकों की भी लोकेशन आसपास होने की बात पुलिस की जांच में सामने आई थी। पुलिस ने इनमें से किसी से अच्छे से पूछताछ नहीं की। संतोष को आरोपित बनाए जाने के बाद मृतक विक्की के स्वजन, पड़ोसी भी यह नहीं मान रहे हैं कि हत्या संतोष ने ही की है। वहीं संतोष के स्वजन भी जबरन फंसाए जाने का आरोप पुलिस पर लगा रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने दबाव में आकर मुख्य आरोपितों को बचाने के लिए संतोष को आरोपित बना दिया है।
थाना में हंगामा कर रहे लोगों का का कहना है कि संतोष व विक्की बचपन के साथी थे। संतोष उसकी हत्या नहीं कर सकता है। वहीं आरोपित के स्व्जनों ने थाना प्रभारी मनोज गुप्ता से पूरे मामले की गहराई से जांच करने की बात कही। इस दौरान वे बार-बार उनके पैर पकड़कर न्याय की मांग करते दिखाई दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस संतोष को घटना के दिन से ही पूछताछ के लिए थाने बुला रही थी। उसकी बेरहमी से पिटाई कर करंट लगाया गया और किसी कागज पर हस्ताक्षर कराए गए। मृतक व आरोपित के स्वजनों ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की।
इनका कहना है
लखनादौन पुलिस ने सारे तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर बारीकी से जांच कर हत्या का पर्दाफाश करते हुए आरोपित को पकड़ा है। स्वजन आरोपित को जबरन फंसाने का गलत आरोप लगा रहे हैं।
श्याम कुमार मरावी,
एएसपी, सिवनी


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