सिवनी। पीजी काॅलेज के हिंदी विभाग में हिंदी सप्ताह के अंतर्गत विद्यार्थियों ने हिन्दी दिवस मनाकर मातृभाषा हिंदी में अपना अधिकाधिक कामकाज करने का संकल्प लिया गया।
कार्यक्रम में अपने वक्तव्य से विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए प्रोफेसर रविशंकर नाग ने कहा कि माँ और मातृभूमि की तरह मातृभाषा भी सबसे बढ़कर होती है। हमें मातृभाषा को अपना गौरव समझना चाहिए।
वक्ता के रूप में डाॅ मानसिंह बघेल ने कहा कि हमें हिन्दी का अधिकाधिक प्रयोग करना चाहिए। कहा कि हम कई भाषाओं के ज्ञाता हो सकते हैं लेकिन मातृभाषा ही हमारी असली पहचान होती है।
हिंदी को अपनाने का आग्रह करते हुए डाॅ सविता मसीह ने कहा कि अंग्रेजी को ही नहीं, बल्कि हिन्दी को अपनाकर भी हम आगे बढ़ सकते हैं।
हिंदी दिवस कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रोफेसर सत्येन्द्र कुमार शेन्डे ने कहा कि हिंदी हमारी संस्कृति की पहचान है। कहा कि संस्कृति के संकट के इस दौर में मातृभाषा ही हमारे अस्तित्व को बचाए रख सकती है। आज, हिंदी तकनीकी, प्रौद्योगिकी , कम्प्यूटर जैसे हर क्षेत्र की भाषा बन चुकी है। प्रोफेसर शेन्डे ने आग्रह किया कि हमें यथासंभव अपने हस्ताक्षर हिंदी में करना चाहिए।
कार्यक्रम में एडवोकेट तुलसीराम गोल्हानी ने अपनी हास्य-व्यंग्य की कविता के माध्यम से हिंदी के प्रयोग पर बल दिया।
हिंदी विभाग के शिक्षक डाॅ सुनील कुमार मिश्रा ने कहा कि हिंदी को राजभाषा के साथ साथ राष्ट्रीय भाषा के रूप में विश्व स्तरीय पहचान मिली है। कार्यक्रम में विकास मेश्राम, डाॅ अवधेश यादव सहित काॅलेज स्टाॅफ और एमए तथा स्नातक कक्षाओं के छात्र छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। तकनीकी सहयोग क्रेश सनोडिया का रहा।



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