सिवनी। विकासखंड केवलारी के ढुटेरा गांव में एक करोड़ रुपये की लागत से बन रहा स्कूल भवन हस्तांतरित होने के पहले ही बदतर स्थिति में पहुंच गया है। ठेकेदार की मनमानी और अधिकारियों की लापरवाही से अब तक इस स्कूल भवन का काम पूरा नहीं हो पाया है। फर्श व दरवाजे समेत अन्य काम अब भी अधूरे हैं।वहीं अभी से स्कूल भवन के छत से पानी टपक रहा है।दावारें सीपेज मार रही है, इससे स्कूल भवन में पानी घुस रहा है।इन हालातों में बच्चे बैठकर कैसे पढ़ाई करेंगे, इस ओर जिम्मेदार अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है।
ग्रामीणों ने बताया है कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ढुटेरा केवलारी का स्कूल भवन पिछले करीब तीन सालों से यहां बन रहा है।स्कूल भवन निर्माण कार्य के दौरान ही एक ठेकेदार अधूरा काम कर चला गया।साथ ही स्कूल में लगाए गए लोहे की खिड़की जालियां दरवाजे भी अपने साथ निकाल कर ले गया। अब इसके बाद जैसे-तैसे स्कूल भवन निर्माण कार्य दूसरे ठेकेदारों ने पने हाथ में लिया तो इस कार्य को भी उन्होंने आनन-फानन में गुणवत्ताहीन करते हुए कार्य में काफी लापरवाही बरती है।इसके कारण स्कूल भवन में हल्की वर्षा में ही पानी घुस रहा हैै।स्कूल भवन हस्तांतरित होने के बाद यहां लगभग 300 छात्र-छात्राएं विद्या अध्ययन करेंगे। वहीं शुरूआती वर्षा में ही स्कूल भवन में हुए गुणवत्ता हीन कार्य की पोल खुल रही हैं।
वर्तमान में ढुटेरा में बन रहे नवनिर्मित स्कूल भवन में फर्श को जहां समतल किए जाने का कार्य चल रहा है, वही कुछ कमरों में पुताई का कार्य भी हो चुका है।कुछ का काम शेष रह गया है। दरवाजे अब तक नहीं लगे हैं।
इस मामले में प्रभारी प्राचार्य पीके हरदहा ने बताया कि नवनिर्मित स्कूल भवन बनाने के कार्य में लगे ठेकेदार से स्कूल परिसर में ही मंच बनाने को कहा गया था लेकिन बाहर मंच अब तक नहीं बना है। साथ ही राष्ट्रीय पर्व में तिरंगा फहराने के लिए झंडा मंच भी नहीं बनाया गया है। जुलाई माह में हुई पहली बारिश में यहां नवनिर्मित भवन स्कूल भवन के कुछ कमरे सीपेज हो रहे हैं। साथ ही स्कूल भवन की छत निर्माण में गुणवत्ताहीन कार्य के कारण दीवार के जोड़ो से अंदर पानी आ रहा है।
स्कूल भवनों का निर्माण लोक निर्माण पीआइयू विभाग की देखरेख में कराया जा रहा है।नवनिर्मित भवन में आई दरारें लापरवाही की खामियां बयां कर रही हैं।पीआइयू विभाग के अधिकारियों के मुताबिक भवन का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद अगले 5 सालों तक भवन के रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित एजेंसी ठेकेदार की होती है। भवन की 10 प्रतिशत राशि का भुगतान रोककर रखा जाता है, ताकि खामियां व गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य मिलने पर ठेकेदार से भवन का मरम्मत कार्य कराया जा सके। हर साल बारिश के दौरान भवन नवनिर्मित स्कूल भवनों में पानी टपकने और सीलन जैसे समस्या की खबरें सामने आती है।
इनका कहना है
नवनिर्मित भवन का कार्य राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 1 करोड़ रुपये से कराया गया है। भवन में कमियां संज्ञान में आने पर पीआइयू लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर कमियों को किया जाएगा।
जीएस बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी, सिवनी
पांच साल तक भवन का एजेंसी ठेकेदार को रखरखाव करना है, जहां जो कमियां मिलेगी उस पर सुधार कार्य ठेकेदार से कराया जाएगा। ठेकेदार की 10 प्रतिशत की राशि विभाग ने रोक रखी है। कमल किशोर सिंगारे, कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग, पीआइयू सिवनी।





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