सिवनी। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन (NMOPS) जिला शाखा सिवनी के तत्वावधान में रविवार को जिले के सभी विभागों के अधिकारी, कर्मचारियों का पेंशन अधिकार सम्मेलन लॉन सिवनी में संपन्न हुआ।
जिला सहायक प्रभारी इश्तियाक अहमद बेग ने बताया कि जिले एवं ब्लॉक से शिक्षक-शिक्षिकाओं सहित बड़ी संख्या में विभिन्न विभागों के कर्मचारी अधिकारी उक्त सम्मेलन में सम्मलित हो रहे हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वितेश खांडेकर राष्टीय उपाध्यक्ष एवं महाराष्ट्र प्रांत अध्यक्ष, सरफराज हुसैन राष्ट्रीय संयुक्त सचिव राजस्थान जगदीश यादव प्रांतीय महासचिव राजस्थान सुश्री उमा जाटव महिला प्रकोष्ठ प्रांत अध्यक्ष छत्तीसगढ़ रविंद्र नाथ तिवारी प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ डी.के.सिंगोरप्रांत अध्यक्ष ट्राईबल वेलफेयर मध्य प्रदेश मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित हुए। प्रांत अध्यक्ष परमानंद डहेरिया एमआर फारूख खान, विपनेश जैन के साथ साथ प्रदेश के समस्त NMOPS पदाधिकारियों द्वारा NPS का खात्मा एवं OPS की बहाली हेतु रणनीति बनाई गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रांत अध्यक्ष परमानंद डेहरिया ने की ज्ञातव्य हो कि केन्द्र सरकार द्वारा 2004 के बाद नियुक्त समस्त कर्मचारी अधिकारी कि परिवार पेंशन बंद करके एनपीएस नामक योजना शुरू की NPS कर्मचारी अधिकारी के विरुद्ध एक षड्यंत्र है। सम्मेलन में सभी विभागों के कर्मचारियों ने अपने उद्बोधन में NMOPS कि मांगो की सराहना की कर्मचारी संगठनों के प्रमुखों ने सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों से परेशान होने की बात कहते हुए एनपीएस को कर्मचारियों के विरुद्ध एक षड्यंत्र बताया। NMOPS के प्रांत अध्यक्ष ने पेंशन अधिकार सम्मेलन में उपस्थित समस्त कर्मचारियों को एनपीएस की विसंगतियों की विस्तृत जानकारियों से अवगत कराया, साथ ही प्रोजेक्टर के माध्यम से एनपीएस अकाउंट लॉगइन करना, स्टेटमेंट निकालना, पासवर्ड रिसेट करना, मोबाइल नंबर अपडेट करना, नॉमिनी चेंज करना, बैंक अकाउंट चेंज करना, पार्शियल विड्रोल करना आदि महत्वपूर्ण जानकारियां दी। पुलिस प्रशासन द्वारा कर्मचारियों को रैली निकालने से रोका गया जिससे समस्त कर्मचारियों में ने भारी नाराजगी व्यक्त की। कार्यक्रम के अंत में एनपीएस के विरोध में जबरदस्त नारेबाजी करते हुए प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
पुरानी पेंशन बहाली के लिए ज्ञापन के बिंदु
- एनपीएस में मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 की विपरीत शेयर मार्केट पर सट्टा आधारित है।
- एनपीएस में बीमा कंपनी एनयूटी रेट के आधार पर कंपनी का पेंशन प्लान प्रदान करती है, जबकि एनयूटी रेट लगातार घट रहा है।
- एनपीएस में महंगाई के आधार पर पेंशन में कोई वृद्धि नहीं होती है, जिससे बढ़ी हुई महंगाई के बाद पेंशन की राशि महत्वहीन हो जाती है।
- एनपीएस में न्यूनतम पेंशन योजना का कोई प्रावधान नहीं है।
- एनपीएस में अंशदान फंड की वापसी टैक्सेबल है।
- एनपीएस में बहुत ही विशेष कारणों में अल्प राशि ही आंशिक आहरण के द्वारा प्राप्त होती है।
- एनपीएस में पेंशन राशि अंतिम वेतन का लगभग 6 से 10% ही होती है, जो कि वर्तमान में अधिकतम चार अंक (800 से 2500₹) में ही बन रही है।
- एनपीएस में देय पेंशन किसी कर्मचारियों को आत्मनिर्भर नहीं बनाती है।
- एनपीएस में देय पेंशन कर्मचारी को अपमानित महसूस कराता है।
- एनपीएस में सेवानिवृत्त/ मृत्यु पर अनुदान की पूरी राशि चाहने पर भी एक मुफ्त प्रदान नहीं की जाती है।NMOPS जिला अध्यक्ष कपिल सनोडिया, सुनील तिवारी, गजेंद्र बघेल, ब्रजमोहन सनोड़िया, टॉनेश कुमार, अनिल साहू, नासिर मोहम्मद सिद्दीकी, शकील अहमद अंसारी, चित्तौड़ सिंह कुशराम, महफूज़ खान, अनिल राजपूत, कमलेश परिहार, मनीष जंघेला, हेमंत मरावी, रामकृष्ण दुबे, राकेश दुबे, नितिन बघेल, विनोद डहेरिया, संतोष बरकड़े, नीरज दुबे, मुकेश नेमा, नीलेश जैन, निर्मल बिसेन, केशव सनोडिया, सुनील राजपूत, सुनील शुक्ला, दीपक राजपूत, पंकज तिवारी, गुमान सिंह बघेल, सुनील राय, अनामिका बघेल, रंजना चौहान, समसुन निशा खान, सावित्री उइके, शबाना खान, सयरा खान, ममता राजपूत, पूजा पांडे, सिखा कर्तिके समस्त पेंशन विहीन साथियों ने सम्मेलन में उपस्थित होने वाले सभी पेंशन विहीन साथियों का आभार व्यक्त किया।
ताजासमाचार पढ़ने के लिए नीचे दिए गए वाट्सएफ ज्वाइन में करें किलिक या 94 2462 9494 सेव कर ज्वाइन की लिंक मांगे। संतोष दुबे सिवनी