सिवनी। पेंच व्यपवर्तन परियोजना के तहत कलारबांकी क्षेत्र में नेहरों के निर्माण में भारी गड़बड़ी और अनियमितताओं के आरोप किसानों ने लगाए हैं। समय पर व सही स्थान पर नहरों के निर्माण की मांग को लेकर किसान बुधवार से मुख्य अभियंता वैनगंगा कछार दफ्तर के सामने किसानों ने राशन-पानी साथ में रखकर डेरा जमा लिया है।किसानों का कहना है कि जब तक उन्हें सही काम कराने का लिखित आश्वासन नहीं मिलेगा तब तक वे दफ्तर के सामने से नहीं हटेंगे।
पदयात्रा कर पहुंचे 35 गांवों के किसान – सिवनी ब्लाक के कलारबांकी (बंडोल) क्षेत्र के किसान पेंच व्यपवर्तन परियोजना की नहरों व केवलारी ब्लाक के किसान भीमगढ़ बांध से निकलने वाली नेहरों की क्षमता बढ़ाए जाने की मांग को लेकर पदयात्रा कर वैनगंगा कछार जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता दफ्तर के सामने बुधवार से डेरा जमा कर बैठे हैं।सिवनी व केवलारी ब्लाक के करीब 35 गांवों से आए किसानों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार के बीच आपसी तालमेल के कारण नहरों का काम समय पर नहीं हो रहा है।किसानों ने आरोप लगाया है कि अब तक जहां नहरें बनी हैं उनकी गुणवत्ता भी अच्छी नहीं है।
बुधवार को विभिन्न मांगों को लेकर पहुंचे किसानों ने आरोप लगाया है कि 2 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक जिम्मेदार अधिकारी उनसे मिलने नहीं पहुंचे हैं।विभाग के एक इंजीनियर ही किसानों से मिलने आए हैं।उन्होंने किसानों से कहा है कि वह उनकी मांग पूरी करने में सक्षम नहीं है।इस पर किसानों का कहना है कि जब तक सक्षम अधिकारी उनसे नहीं मिलेंगे और लिखित आश्वासन नहीं देंगे तब तक वह दफ्तर के सामने से हटने वाले नहीं है।
मुख्य अभियंता दफ्तर के सामने धरने पर बैठे किसान भरत इनवाती, सियाराम भलावी, गयाप्रसाद कुमरे, कृष्ण कुमार धुर्वे, प्रीतम सिंह, शुभम बघेल व विवेक राय सहित अन्य किसानों ने बताया है कि वे अपने साथ पीने के पानी के साथ राशन भी साथ लेकर आए हैं। बुधवार रात उन्होंने मच्छर के बीच दफ्तर के सामने ही रात गुजारी है।2 दिन बीतने के बावजूद अब तक किसी ने उनकी खैर खबर नहीं ली है।जिला प्रशासन के साथ अब तक कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा है।इससे किसानों में आक्रोश और अधिक बढ़ रहा है
सर्वे के अनुसार नहीं हो रहा काम
किसानों ने बताया है कि बंडोल क्षेत्र के कलारबाकी, बलारपुर, बीसावाडी व बंडोल क्षेत्र में नहरों का निर्माण होना है, लेकिन शासन प्रशासन व कर्मचारियों की लचर नीति के कारण यहां नहरों के निर्माण में विलंब हो रहा है।पेंच नहर शाखा डी 4 का काम पुराने सर्वे के अनुसार नहीं हो रहा है।किसानों ने आरोप लगाते हुए बताया है कि वर्ष 2013 के पूर्व सर्वे के अनुसार सिवनी जिला की 45000 हेक्टेयर भूमि सिंचित होनी थी लेकिन वर्तमान लक्ष्य के अनुसार लगभग 20 हजार हैक्टेयर भूमि सिंचित होना है।इसमें से भी अब तक 15 हजार हैक्टेयर भूमि सिंचित करने का कार्य पूरा हो पाया है।
40 गांव की सूख जाती हैं फसलें
केवलारी ब्लाक से आए किसानों ने आरोप लगाया है कि भीमगढ़ बांध से निकलने वाली क्षेत्र की एलबीसी और आरबीसी नहर के सुधार की मांग अब तक पूरी नहीं हो पाई है।सिंचाई के लिए बांध की निकली नहरे आरसीबी और एलबीसी के समय के साथ सिंचाई का रकबा लगभग डेढ़ गुना बढ़ा है, लेकिन नहर से पूरी क्षमता के साथ पानी छोड़े जाने के बाद भी बहुत से क्षेत्रों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। दोनों नहर से लगी करीब 40 गांव की फसलें कई बार सूख चुकी है।किसानों का कहना है कि दोनों तरफ की नहरों में कुछ जगह सुधार का काम करवा कर नहर में ज्यादा पानी दिया जा सकता है। इससे क्षेत्र में अनाज की पैदावार बढ़ेगी और किसानों की फसलें सूखने से बचेगी।
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