सिवनी। विकासखंड केवलारी के पलारी के समीपस्थ माने गांव में चल रही श्री राम कथा का समापन सोमवार को होगा कथा का वाचन सोमवार को सुबह 10:00 बजे से शुरू होगा।
इससे पहले कथा के अष्टम दिन रविवार को कथा वाचक आचार्य राजन जी महाराज ने श्रद्धालु जनों को श्री राम अयोध्या जी के द्वारा मित्रता की मिसाल राम सुग्रीव की मित्रता का उदाहरण देते हुए बतलाया।
साहू परिवार मानेगांव की ओर से आज सोमवार को सुबह 10 बजे कथा के समापन अवसर पर कथा श्रवण का धर्म लाभ लेने की बात सभी श्रद्धालुजनों से कही है।
कथा में उन्होंने बताया कि चित्रकूट में राम जी का निवास और भारत का आगमन राम भारत मिलाप के साथ-साथ सबरी की भक्ति और माता शबरी ने नवधा भक्ति किस प्रकार प्राप्त की इसका वर्णन विस्तार पूर्वक किया गया। इसी कड़ी में आगे श्री हनुमान जी महाराज और रामचंद्र जी का मिलाप इसके बाद आचार्य जी के द्वारा भगवान रामचंद्र जी और किष्किंधा भती सुग्रीव की मित्रता अग्निदेव के समक्ष किस प्रकार हुई इसका विस्तार आचार्य जी ने बतलाया और कलयुग में मित्रता किस प्रकार करनी चाहिए। कलयुग मे प्राणियों मैं मित्रता जिसके पास धन दौलत अधिक होती है उसकी अनेकों मित्र बन जाते हैं परंतु यह सभी सिर्फ जब तक सामने वाले के पास रुपया पैसा, वैभव रहता है। तब तक ही उसके मित्र दिखाई देते हैं। जब वह ठन ठन पाल हो जाता है तो वह संसार सागर में अकेला ही खड़ा होता है।
सच्चे मित्र की पहचान विपत्ति के समय होती है आचार्य जी के द्वारा अनेकों अनेक उदाहरण जैसे श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता कर्ण और दुर्योधन की मित्रता इत्यादि उदाहरणों के द्वारा संसार में कल योगी प्राणियों को मित्र सोच समझकर बनाने की प्रेरणा देते हुए सुग्रीव को राजतिलक किष्किंधा का राजा बनाया गया।









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