सिवनी। जिला सिवनी के अभियोजन कार्यालय द्वारा आयोजित एक दिवसीय विधिक कार्यशाला के बारे में जिला मीडिया प्रभारी मनोज सैयाम द्वारा बताया गया की , मध्य प्रदेश लोक अभियोजन के संचालक -अन्वेष मंगलम, पुलिस महानिदेशक भोपाल के निर्देशन पर जिला अभियोजन कार्यालय सिवनी के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर सिवनी जिले के अभियोजन अधिकारी एवं पुलिस अधिकारियों की व्यवसायिक दक्षता बढ़ाने हेतु एक दिवसीय कार्यशाला जबलपुर रोड स्थित एक लॉन में आज दिनांक 27-02-22 दिन रविवार को आयोजित की गई।
जिसमें जिले के अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) थानों के थाना प्रभारी , उपनिक्षक , सहायक उपनिरीक्षक , प्रधान आरक्षक एवम जिले के समस्त अभियोजन अधिकारियों द्वारा भाग लिया गया । जिसमें मुख्य अतिथि – जिला एवं सत्र न्यायाधीश – माननीय पवन कुमार शर्मा जी ,विशिष्ट अतिथि – अपर सत्र न्यायाधीश- श्रीमान – संजीव श्रीवास्तव, विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष – अपर सत्र न्यायाधीश सी0के0 बारपेटे , अपर सत्र न्यायाधीश- माननीय राजऋषि श्रीवास्तव , अपर सत्र न्यायाधीश- माननीय सुनील कुमार मिश्रा , अपर सत्र न्यायाधीश माननीया- सुचिता श्रीवास्तव , एवं अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक श्यामसिंह मरावी की गरिमामय उपस्थिति में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे अभियोजन अधिकारी नवल किशोर सिंह द्वारा मंच संचालन किया गया एवं कार्यशाला का उद्देश्य व कार्ययोजना से अवगत कराया गया।
कार्यशाला में माननीय -जिला एवम सत्र न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा साहब द्वारा साक्ष्य अधिनियम संबधी महत्वपूर्ण विधिक तथ्यों की आवशक्ताओ तथा उनकी सुगंतता पर प्रकाश डाला गया। इसी प्रकार माननीय संजीव श्रीवास्तव द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट से लेकर अंतिम विवेचना की विधिक बिंदु तक सामाजिक परिवेशनुसार विधि को लागू किए जाने की बात कही। जिसमें – जिस प्रकार न्याय होना ही नहीं दिखना भी चाहिए के सिंधान्त की तरह ही अनुसंधान करना ही नहीं अपितु स्पष्ट व वास्तविक लगना भी चाहिए के तथ्य पर मार्गदर्शन दिया गय।
इसी प्रकार माननीय सुचिता श्रीवास्तव द्वारा वैज्ञानिक एवं इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के महत्व व उसकी ग्राहता को समझाया तथा अनुसंधान में की गई महत्त्वपूर्ण कार्यवाहियों को कैसे किया जाए जिससे न्याय सफल हो पर प्रकाश डाला गया। इसी प्रकार माननीय सुनील कुमार मिश्रा द्वारा न्यायिक प्रक्रिया एवम विधि की मंशानुसार साक्ष्य एकत्र किए जाने चाहिए न की कार्यवाही के अनुसार किया जाना चाहिए , साथ ही न्याय प्रणाली में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया । सभी माननीय द्वारा वैज्ञानिक और सबल साक्ष्य के आधारों पर न्याय हेतु कार्य किए जाने की बात कही गई । अनुंसधान में आने वाली व्यावहारिक परिस्थिति पर चर्चा की गई विधिक समस्या पर अभिमत प्रकट किए जिससे हर पीड़ित व्यक्ति को न्याय सुलभ और त्वरित प्राप्त हो सके ।
इस कार्यशाला में पुलिस अधिकारियो द्वारा भी अपनी विधिक एवम व्यावहारिक परिस्थितियों से अवगत कराया गया एवं अनुसंधान हेतु उत्तम से उत्तम साक्ष्य प्रस्तुत किए जाने संबंधी चर्चा की गई इस विधिक कार्यशाला में उपस्थित सभी मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा महत्वपूर्ण विधिक मार्गदर्शन प्रदान किए जाने पर एवम एवं अभियोजन एवम पुलिस अधिकारियों के उत्कृष्ट कार्य की सहारना एवं त्रुटियों को सुधारने हेतु जो विधिक अभिमत प्रदान किए गए के लिए , उप संचालक अभियोजन – रमेश कुमार उईके द्वारा साधुवाद प्रकट किया गया एवं जिला अभियोजन अधिकारी एवं उनके आयोजक अधिकारियों को शुभकामनाएं दी गई । इस विधिक आयोजन पर जिला अभियोजन अधिकारी – श्रीमती दीपा ठाकुर द्वारा माननीय अतिथि गणों द्वारा सुझाए गए मार्गदरशी सिद्धांतो एवम तथ्यों को पुलिस और अभियोजन द्वारा अनुपालना किए जाने की बात कही तथा कार्यशाला में सहभागी पुलिस अधिकारीयो एवं अभियोजन अधिकारीयो एवं कार्यालय के समस्त सहयोगी स्टाफ का आयोजन को सफल बनाने हेतु आभार एवं धन्यवाद प्रकट किया गया।

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