सिवनी। जिला भौगोलिक दृष्टि से विविधता रखता है। यहां किसान भी विविधता के आधार पर फसलों का उत्पादन लेने हेतु अग्रसर हो रहे है। जिले में जहां कुछ किसान परम्परागत रूप से चली आ रही फसलों जैसे धान, मक्का, गेहूं की खेती तक सीमित है, वहीं जिला कलेक्टर एवं उपसंचालक कृषि सिवनी के मार्गदर्शन में कुछ किसान पुरानी परम्परागत फसलों को छोड़कर नगदी फसलों का उत्पादन ले रहे है। जिससे उन्हें बाजार से अच्छा दाम मिलता है। ऐसे ही सिवनी जिले के कृषक प्रहलाद ठाकुर है जिन्होंने खेती में अपनी अलग राह पकड़ी है। प्रहलाद ठाकुर, ग्राम ढेंका, विकासखंड सिवनी जिला सिवनी के निवासी है।
प्रहलाद ठाकुर बताते है कि उनके पास परिवार की जमीन के साथ लगभग 12 हेक्टे, खेती का रकबा है। जिसमें से लगभग 10 एकड खेत में उन्होंने आलू की फसल ली है। जिसमें ड्रीप विधि से सिंचाई कार्य किया जाता है जिससे सिंचाई जल का संयमित उपयोग होता है। आलू की किस्म एफ.सी. -5 जो कि व्यापारिक उददेश्य से एक उन्नत किस्म है, की बोनी कृषक द्वारा 10 नवम्बर 2022 को की गयी है। कृषक बताते है कि उन्होंने पेप्सिको कंपनी से संपर्क कर 120 क्विंटल आलू का बीज प्राप्त किया है। आलू की इस उन्नत खेती में श्री प्रहलाद ठाकुर जी को एक एकड पर लगभग 70000 रू. की लागत आयी है। जिससे प्रति एकड लगभग 10 से 15 टन आलू प्राप्त होने की संभावना है। कृषक बताते है कि उन्हें संपूर्ण लागत घटाकर 11.70 रू. प्रति किग्रा मुनाफा होगा। इस आधार पर कृषक 15 टन उत्पादन प्रति एकड प्राप्त करते है तो उन्हें लगभग 15 से 17 लाख रू. की आमदनी 10 एकड में आलू उत्पादन से होनी है।
कृषक प्रहलाद ठाकुर ने आगे बताया कि उन्हें अपनी उपज बेचने हेतु बाजार पर निर्भर नही रहना पड़ता है बल्कि वे अपनी उपज सीधे एक कंपनी को सप्लाई करने वाले है। उनकी इस नई राह को देखते हुये जिले के अन्य 49 किसान भी 140 एकड में आलू उत्पादन का कार्यक्रम ले रहे है। जो कि आने वाले समय में फसल विविधकरण हेतु मील का पत्थर साबित होगा।
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