सिवनी। मध्य प्रदेश राज्य सरकार के निर्णय पर जिले का किसान भारी नाराज हो गया है। बताया जा रहा है कि प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने यह फैसला लिया है कि कृषि में सिंचाई के लिए नहरों से जो पानी दिया जा रहा है, उस पर 500 रुपये प्रति एकड़ वसूल कर नहरों की माली हालत को सुधारा जाएगा। जो देर सवेर कभी भी किसानों से वसूला जा सकता है। इस निर्णय पर किसान गुस्से से उबल गया है।
किसानों का कहना है कि प्राकृतिक आपदा जिले में ओलावृष्टि पाला कोहरा एवं समय पर पर्याप्त मात्रा में पानी ना मिल पाने के चलते किसान की बोनी नहीं हो पाई। वही जो बोनी हुई भी तो उसमें पानी नहीं मिलने के चलते खड़ी फसल बर्बाद हो गई। ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय से किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है।
भारतीय किसान संघ इस निर्णय के सख्त खिलाफ है इस निर्णय से किसान का भला तो नहीं होगा उल्टा किसान कर्ज में डूब जाएगा या अपनी जमीन बेचने मजबूर हो जाएगा ।अनावश्यक करों के बोझ तले किसान को दबाया जा रहा है। ऊपर से उपार्जन केंद्रों में किसान को चारागाह बनाकर लूटा जा रहा है जिसमें जिला प्रशासन का पूरा पूरा हाथ नजर आ रहा है। किसान को ना समय पर खाद मिल रही है ,ना बीज मिल रहा है ना पानी मिल रहा है ना बिजली मिल रही है फिर भी किसानों को ऐसे अनर्गल कर लगाकर खेती को लाभ की बजाए हानि का धंधा बनाए जाने के लिए सरकारों ने कदम उठाना चालू कर दिया है।
जिले में हुई ओलावृष्टि पर मुख्यमंत्री का साफ कहना था कि किसी भी किसान की क्षति का आकलन कम किया गया तो उसे नोकरी करने लायक नही रहने दिया जाएगा । परंतु देखा गया है कि पटवारियों ने अपनी मनमर्जी के माफिक छति बताई है । जिससे किसान को क्षति अनुसार न मुआवजा राशि मिल पाएगी और ना ही बीमा राशि मिलने की उम्मीद है। जिसका भारतीय किसान संघ सिवनी कड़ा विरोध करता है ।
किसानों को भी एक बार फिर आगाह किया जाता है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों के साथ जितना दुर व्यवहार कर रही है उन्हें सब याद रखें ताकि स्थानीय नेताओं एवं प्रशासन को समय आने पर माकूल जवाब दिया जा सके।

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