सिवनी/केवलारी। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी गंगा सागर संगम के पावन तट में मकरसंक्रांति के अवसर पर 2 दिवसीय मेले का आयोजन शुरू हुआ। वेनगंगा नदी तट स्थित भरे मेले में बढ़ी संख्या में लोग पहुँचे। जिला मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर दूर लखनवाड़ा में भरे मेले में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। वही शाम को लखनवाड़ा पुल से सिवनी दिशा की ओर बायपास मार्ग तक वाहनों का जाम लगा रहा। वहीं केवलारी में जहां पहले दिन आस पास से आये लोगों ने गंगा सागर संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाई और मां बैनगंगा का पूजन अर्चन किया। हर साल आयोजित हो रहे मेले में दूर दूर से लोग घूमने आते हैं वहीं मेले में आने वाले लोगो के लिए विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को बेचने के उद्देश्य से अनेक दुकानदार भी आते हैं जिनके आने से मेले को भव्य स्वरूप मिलता है। गुरुवार को पहले दिन गंगासागर के संगम तट में सुबह से हजारों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर तिल स्नान किया। शाम को विशेष आयोजन में स्थानीय लोगों द्वारा मां बैनगंगा को चुनरी अर्पण के साथ दीपदान का आयोजन किया गया।

40 मीटर लंबा अस्थाई पुल- बढ़े हुए जलस्तर में लोगों को दूसरी ओर जाने में खतरा और परेशानी को देखते हुए नगर के ही राजमिस्त्री शिव कुमार वर्मन, सोमनाथ जंघेला, सतीश जंघेला, संतोष वर्मन, भीम जंघेला के द्वारा 7दिन की कड़ी मेहनत से अस्थाई पुल तैयार किया जाता है ताकि मेले में आने वाले लोगों को मेला स्थल तक जाने में किसी तरह की कोई परेशानी या खतरा ना हो। इस कड़ी मेहनत के एवज में उनके द्वारा प्रतिव्यक्ति 5 रुपये शुल्क मेहनताना स्वरूप पुल पार करने के लिए लिया जाता है। इसी प्रकार छपारा में वेनगंगा नदी तट में भरे मेले में बड़ी संख्या में लोग पहुँचे।







