
सिवनी। नगर के टैगोर वार्ड राजपूत कॉलोनी शिव मंदिर के समीप चल रही श्रीमदभागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्री कृष्ण जन्म उत्सव मनाया गया। कथावाचक पं. सूरज कृष्ण शास्त्री ने भागवत भगवान कि कथा सुनाई औऱ झांकी का श्रद्धालुओं को दर्शन करवाया। महाराज ने सिवनी में चल रही कथा में कृष्ण के जन्म का प्रसंग सुनाया।
कथावाचक पं. सूरज कृष्ण शास्त्री ने बताया कि कंस के अत्याचारों से त्रस्त मथुरावासियों की पुकार सुनकर देवकी के आठवें पुत्र के रूप में कृष्ण ने अवतार लिया। कृष्ण ने कंस को मारकर माता-पिता को कारागार से मुक्त कराया और नाना को मथुरा के सिंहासन सौंप दिया। कथा में कृष्ण जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
कथा में नन्द के आनन्द भयो जय कन्हैया लाल के सरीखे भजनों पर महिलाएं नाचने लगी। कथा में कृृष्ण जन्म नंदबाबा की झांकी सजाई गई। कथा में महाराज ने कहा कि वासुदेव -देवकी मथुरावासियों को दुराचारी कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान ने कृृष्ण जन्म लिया। भगवान श्रीकृष्ण का अवतार जीव को जीव से प्रेम करना सिखाता है। कृष्ण ने कई लीलाओं के माध्यम से लोगो को संदेश दिये है। इन लीलाओं सार समझने वाला व्यक्ति सदैव जीवन में सुखी रहता है।
जीव तभी मुक्ति पा सकता है जब वो भागवत कथा का श्रवण करें: महाराज ने कहा कि जीव को आत्मा की शांति के लिए प्रभु की शरण में जाने की इच्छा रहती है, लेकिन मनुष्य में व्याप्त, तृष्णा, लोभ, पाप जैसी जैसी कई प्रवृत्तियां उसे प्रभु की शरण से दूर करती है। जीव तभी मुक्ति पा सकता है जब वो भागवत कथा का श्रवण करें।






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