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सिवनी। यूनाईटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के आव्हान पर सिवनी इकाई ने निजीकरण के विरोध के साथ अन्य मांगों को लेकर गुरूवार को रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही दो दिनों की हड़ताल में जाने का निर्णय लिया है। इसके कारण गुरूवार को सरकारी बैंक बंद रहे। शुक्रवार को भी हड़ताल के कारण बैंक बंद रहने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
यूनाईटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के अध्यक्ष राकेश तेकाम, सचिव अभिषेक काकोडि़या व सुनील सनोडिया ने बताया है कि सरकारी क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकार का विरोध कर रहे हैं।सरकारी बैंक के कर्मचारियों ने बताया कि बैंकों का राष्ट्रीयकरण बैंकिंग सुविधाओं को आम जनों तक पहुंचाना था, जबकि निजी बैंक लाभ कमाने के उद्देश्य से संचालित हो रहे हैं।इसके अलावा निजी बैंकों में जमा पूंजी डूब जाने का खतरा, जमा नकदी का जोखिम व भारत के विकास में निजी बैंकों का कम योगदान भी बैंकों के यूनियन द्वारा बताया गया है।हड़ताल पर गए कर्मचारियों ने बताया कि शासन की समस्त योजनाएं सरकारी क्षेत्र के बैंक ही निशुल्क उपलब्ध करा रहे हैं जबकि निजी बैंक सभी सुविधाओं का सेवा शुल्क भी वसूल करते हैं।
निजीकरण के विरोध में गुरुवार को बैंक बंद रहे।वहीं शुक्रवार को भी बैंक बंद रहेंगे। शनिवार को बैंक एक दिन के लिए खुलेंगे और रविवार को अवकाश के दिन फिर बंद रहेंगे। यानी तीन दिनों तक बैंक ग्राहकों को परेशानी झेलनी पड़ेगी। गुरूवार को पहले दिन बैंक बंद होने से ग्राहक के बैंक संबंधी कोई काम नहीं हुए, न तो रुपये निकाले जा सकेंगे न ट्रांसफर हो पाए। खासतौर से पेंशनर व व्यापारी वर्ग परेशान रहे। हालांकि एटीएम व आनलाइन बैकिंग चालू होने से ज्यादातर ग्राहक एटीएम से रुपये निकाले देखे गए।वहीं व्यापारी वर्ग आनलाइन बैकिंग से सौदे का भुगतान करते देखे गए। दो दिवसीय हड़ताल के कारण एटीएम से रुपये निकाले जाने के कारण कई क्षेत्रों के एटीएम खाली हो गए। इससे लेागों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।






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