सिवनी। गणेशगंज अंतर्गत ग्राम पंचायत बाम्हनवाड़ा में श्मशान भूमि में जेसीबी से समतलीकरण करने के दौरान जब बड़ी संख्या में हड्डियां बाहर निकली तो क्षेत्रवासियों ने यहां हो रहे कार्यों पर आपत्ति जताई। कंकाल निकलने की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्र के आदिवासी वर्ग में आक्रोश फैल गया। इस मामले में आदिवासियों का कहना है कि उनके पूर्वजों के शव जहां दफनाए गए थे और जो निशानी के तौर पर चबूतरे आदि बनाए गए थे उससे तक तोड़ दिया गया है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि जिस जेसीबी से काम कराया गया है वह पंचायत के ठेकेदार की है। गांव में अधिकांश काम ठेकेदारी से कराए जा रहे हैं। लगभग 9 लाख के काम में मनमानी का आलम यह है कि शमशान भूमि में दफनाए गए शवों के कंकाल को खोदकर निकाल दिया गया। हालांकि इस मामले को लेकर लोगों ने लखनादौन एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा है। गांव के मनोहर सर्वे, टकलसिंह सर्वे, भोपाल भलावी, रोशनलाल सर्वे, हरिलाल, राम कुमार, कुम्मा आदि ने आरोप लगाया है कि पंचायत ने समतलीकरण के नाम पर जेसीबी से काम कराया है, जबकि यहां पर मजदूरों से काम होना था। रातो रात खुदाई की गई है। ऐसे में जो दफनाए गए शवों के कंकाल बाहर आ गए हैं।
इस मामले में डांगावानी के प्रभारी सचिव रामकुमार सर्वे का कहना है कि ग्रामीणों का आरोप गलत है। मजदूरों से काम कराया जा रहा है ना कि जेसीबी से। वहां पर हड्डियां मिली हैं वह किसी जानवर की प्रतीत हो रही है। साथ ही कुछ पत्थरों को व्यवस्थित किया गया है। वहीं इस मामले में लखनादौन एसडीएम सिद्धार्थ जैन का कहना है कि ग्रामीणों की शिकायत मिली है। इस मामले में जांच कराई जा रही है फिलहाल जनपद सीईओ के माध्यम से काम रुकवा दिया गया है। सभी की सहमति पर अग्रिम कार्यवाही होगी।
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