नवनिर्मित सीएम राइज स्कूल की गिरी छत, 2 घायल

सिवनी। विकासखंड केवलारी में बन रहे सीएम राइज स्कूल भवन का कुछ हिस्सा शुक्रवार को गिर गया। इसकी चपेट में आने से कई लोग घायल बताये जा रहे हैं। वही निमार्ण कार्य मे बरती गई लापरवाही के भी आरोप लग रहे हैं।

जनपद केवलारी में शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होने जा रहा सीएम राइज सांदीपनि विद्यालय शुक्रवार दोपहर बड़े हादसे का शिकार हो गया।

निर्माणाधीन भवन का स्लैब अचानक भरभराकर गिर पड़ा, जिससे निर्माण कार्य में जुटे 10 मजदूर मलबे में दबकर घायल हो गए। घायलों को स्थानीय लोगों और प्रशासन की मदद से बाहर निकाला गया और सिविल अस्पताल केवलारी पहुंचाया गया। इनमें से 3 मजदूरों की हालत गंभीर क होने पर उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है।

हादसे के तुरंत बाद मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। स्थानीय निवासी, जनप्रतिनिधि, पत्रकार और प्रशासनिक अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। एम्बुलेंस समय पर न पहुंचने के कारण घायलों को आसपास उपलब्ध निजी वाहनों की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मौके पर न तो कोई आपातकालीन प्रबंधन था और न ही एम्बुलेंस की व्यवस्था थी।

कई शिकायतें, नहीं दिया ध्यान – यह भवन ए.एन.वी. कंस्ट्रक्शन कंपनी, भोपाल को ठेके पर दिया गया है। निर्माण कार्य 19 फरवरी 2024 को भूमि पूजन के साथ शुरू हुआ था। 38 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति से बनने वाले इस भवन को प्रदेश का एक अत्याधुनिक शिक्षा परिसर बताया जा रहा था लेकिन शुरुआत से ही भवन निर्माण में अमानक और घटिया सामग्री उपयोग किए

जाने की शिकायतें की जा चुकी थीं। मिट्टी मिली रेत, जंग लगी सरिया और घटिया मेटल के इस्तेमाल की जानकारी कई बार अधिकारियों को दी गई। यहां तक कि जिले के प्रभारी मंत्री को भी लिखित शिकायत सौंपी गई थी। इसके बावजूद शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

गुणवत्ता नियंत्रण एजेंसी की भूमिका पर सवाल – निर्माण कार्य की डिजाइन बास्तुविद कंसल्टेंट की है, जबकि एसक्यूसी लेक्सेस इंफाटे एलएलपी, भोपाल को गुणवत्ता नियंत्रण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन हादसे ने इन दावों की पोल खोल दी। यदि गुणवत्ता नियंत्रण सही ढंग से किया जा रहा होता तो स्लैब ढहने जैसी घटना असंभव थी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब भी कोई जनप्रतिनिधि निरीक्षण के लिए पहुंचा, कंपनी का कोई जिम्मेदार अधिकारी वहां मौजूद नहीं मिला। यह रवैया कंपनी की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है।
जांच और कार्रवाई की मांग – हादसे के बाद स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों में गुस्सा है। उन्होंने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। लोगों का कहना है कि करोड़ों रुपये की लागत से बन रहा यह विद्यालय छात्रों और शिक्षकों के लिए शिक्षा का मंदिर होना चाहिए, लेकिन यदि निर्माण की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह भवन उनकी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा साबित होगा। लोगों का कहना है कि हादसे के बाद प्रशासन इसे कितनी गंभीरता से लेता है। क्या दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी या यह मामला भी अन्य निर्माण घोटालों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा।

यह हुए घायल – हादसे में प्रमोद यादव केवलारी, राजाराम सुकतरा, लोकेश कुमार उइके बोरिया बंडोल, बेनीसिंह उइके झिलमिली बंडोल, प्राणनाथ करवाही सीधी, प्रमोद यादव केवलारी, बलीराम परतेती जुन्नारदेव, धनसिंह झारिया अहरवाड़ा, कोमल कुशवाहा आवास कालोनी केवलारी, आशाराम अहिरवार झिलमिली बंडोल, राकेश सिंह बिनेकी घायल हो गये। इनमें से राजाराम, लोकेश कुमार, धनसिंह को रेफर किया गया है।

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