सिवनी। अवधूत सिध्द महायोगी श्री दादा गुरू एक प्रसिध्द आध्यात्मिक गुरू हैं जिन्हें विशेष रूप से उनकी प्रकृतिक साधना और नर्मदा परिक्रमा के लिये जाना जाता है। वे प्रकृति की पूजा में विश्वास करते हैं उन्हें परमात्मा का प्रत्यक्ष रूप माना जाता है। जिनके अनुयाईयों की संख्या बहुत अधिक है, जो मानवीय असंवेदनशील व्यवहार से उत्पन्न सृष्टि के आसंतुलन को संतुलित करने का कार्य करते हैं। 1600 दिनों से अखंड जारी सदी की सबसे कठोर निराहार महाव्रत साधना कर रहे हैं। ऐसे संत का सिवनी में गुरुवार 8 मई को स्मृति लॉन में समागम हो रहा है।
जहाँ वे माँ नर्मदा, धर्म, धेनु, धरा, प्रकृति, नशा मुक्ति, पर्यावरण संरक्षण आदि विषयों पर संवाद करेंगे। दादा गुरू भगवान परिवार से जुडे डॉ. पारस पटेरिया, ब्रदी सनोडिया सहित अनेक लोगों ने बताया कि, आपका आगमन दोपहर 2 बजे छिंदवाडा रोड बायपास पर होगा, वहाँ से आप छिंदवाडा चौक, नगर पालिका, रानी दुर्गावती चौक, सिंधिया चौक होते हुये बाहुबलि चौक से स्मृति लॉन पहुंचेंगे। जहाँ भजन मंडल द्वारा भजनों की प्रस्तुति एवं गुरू जी का सत्संग नर्मदा संवाद व नर्मदा की महाआरती के पश्चात दादा गुरू का पूजन अर्चन के बाद छपारा के लिये प्रस्थान करेंगे।
छपारा में राम मंदिर से रामघाट छपारा तक भव्य शोभा यात्रा रामघाट गोल्डन टेंपल से प्रत्येक एकादशी में होने वाली मॉ बैनगंगा की महाआरती में सम्मिलित होंगे। जिसको लेकर दादा गुरू परिवार द्वारा भव्य तैयारी की जा रही है।
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