सिवनी। अगस्त माह में तिरंगा रैली यात्रा में स्कूल शिक्षा विभाग के कई शिक्षकों के शामिल न होने और उन पर हुई कार्रवाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शिक्षकों में भारी रोष है। पितृ पक्ष के प्रथम दिन बुधवार की शाम को लगभग 75 शिक्षक सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन व कलेक्टर से मिले। जहाँ उन्हें आश्वासन मिला वही कलेक्टर ने शिक्षकों से कहा कि वे प्रमाण दे। लिखित में जबाब दे। तब तक कार्यवाही रुकी रहेगी। अब आगे के दिन की तिथि दी गई है।
दरअसल कलेक्टर संस्कृति जैन ने अगस्त माह में आयोजित हुए तिरंगा यात्रा में शिक्षकों के शामिल होने का प्रमाण मांगा था। इसमें उन्होंने शिक्षकों के यात्रा प्रारंभ करने से लेकर समाप्त होने तक का प्रमाण मांगते हुए नोटिस जारी किया। इसके
बाद कई शिक्षकों ने उपलब्ध फोटो एवं वीडियो दे दिए तो कई नहीं दे पाए। कलेक्टर ने प्रमाण को अपूर्ण माना और शिक्षकों के वेतन वृद्धि रोक दिए तो कुछ के प्रस्ताव मुख्यालय भेजें हैं। इसके अलावा कई शिक्षकों को चेतावनी जारी की है। हालांकि कलेक्टर की शिक्षा विभाग पर एकतरफा कार्यवाही से सवाल खड़े हो रहे हैं। तिरंगा यात्रा में अन्य विभाग के भी अधिकारी, कर्मचारियों को शामिल होने के निर्देश दिए गए थे। जानकारों का कहना है कि कलेक्टर ने शिक्षकों को ही नोटिस दिया। जबकि उन्हें सभी विभाग को देखना चाहिए था। बताया जाता है कि स्कूल शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली से कलेक्टर खफा चल रही हैं। उन्होंने एक बैठक में भी शिक्षा विभाग के अधिकारी को फटकार लगाई थी।
104 प्राचार्य-शिक्षक पर कार्रवाई – शासन के निर्देश पर 13 अगस्त को कलेक्टर के निर्देश पर सिवनी शहरी क्षेत्र में विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों, नागरिकों, स्कूली विद्यार्थियों की उपस्थिति में तिरंगा रैली निकाली गई थी। इसमें कुछ विभाग के अधिकारी-कर्मचारी शामिल नहीं हुए। कुछ शामिल तो हुए लेकिन औपचारिकता निभाकर चले गए। ऐसे में कलेक्टर ने कम उपस्थिति पर नाराजगी जताते हुए 118 प्राचार्य व शिक्षकों से लिखित में जवाब मांगा। 104 शिक्षकों पर अलग-अलग तरह की कार्रवाई की गई है।
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