सिवनी। बुधवार को गगनचुंबी विशाल शिखरो से युक्त जिनालय के लिए विश्व प्रसिद्ध मध्य की धर्म नगरी सिवनी मे दशलक्षण महापर्व के अवसर पर 10 उपवास करने वाले श्रद्धालुओ के पारणा महोत्सव के पावन अवसर पर नगर की इतिहासिक प्राचीन धरोहर रजत अश्व जिनेन्द्र रथ मे श्री जी को विराजमान किया गया।
रजत रथ पर सारथी के रूप मे बहार से पधारे आगंतुक विद्वान पण्डित जी दो चमर धारी के साथ विराजमान हुये तदुपरांत नगर के प्राचीन बड़े जैन मंदिर जी व छोटे जैन मंदिर जी परिक्रमा मार्ग पर विशाल शोभायात्रा निकाली गई।
शोभायात्रा मे आकर्षण – श्री जी का इतिहासिक रजत जिनेन्द्र रथ बैड बाजो की आकर्षण प्रस्तुति।
सार्थी के रूप रजत अश्व जिनेन्द्र रथ मे कुन्थुगिरि महाराष्ट्र से दशलक्षण महापर्व के अवसर पर दस धर्मो पर उद्बोधन प्रधान करने पधारे आगंतुक विद्वान पण्डित श्री निशांत जी शास्त्री आसीन हुये। श्री जी के आजू बाजू मे दो चमर धारी। रजत रथ के पीछे उपवास करने वाले श्रद्धालुओ की गाड़ी भी आकर्षण केंद्र रही। शोभायात्रा का स्वागत समाज के प्रत्येक घरो घर किया गया।
शोभायात्रा का मार्ग
श्री बड़े मंदिर जी से प्रारंभ होकर छोटे मिशन स्कूल से मिलन चौक से पीली बिल्डिंग रोड से काली चौक से श्री राम मंदिर से कीर्ति स्तंभ शुक्रवारी से होकर अपने गंतव्य स्थान श्री बड़े मंदिर जी के सामने शोभायात्रा का समापन हुआ। तदुपरांत श्री जैन धर्मशाला के उपर वाले हाल परिसर मे 10 उपवास की कठोर साधना करने वाले ब्रती श्रावक श्रविकाओ व बहार से पधारे आगंतुक विद्वान जी का सम्मान किया गया। तदुपरांत आगंतुक विद्वान जी के मंगल उद्बोधन हुये । फिर समस्त ब्रती जनो का पारणा करवाया गया। तदुपरांत कार्यक्रम का समापन हुआ।