क्राइम सिवनी

लड़की पैदा हुई तो पति ने दी जान से मारने की धमकी, सास ने फेरा मुंह!

सिवनी। लड़की के जन्म होने पर एक और जहां कुछ परिजन घर में लक्ष्मी आने की बात मानते हुए उत्साह मनाते हैं वहीं कुछ अभी भी ऐसे हैं जो लड़की के जन्म की खबर सुनते ही अत्यधिक दुखी हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के सागर जिले में देखने को मिला जहां लड़की के जन्म होने पर पति ने जान से मारने की धमकी दी वहीं सास नवजात कन्या का मुंह देखने भी अस्पताल नहीं पहुंची। पीड़ित महिला ने जान को खतरा होने का अंदेशा होने पर मीडिया के माध्यम से विशेष किशोर पुलिस इकाई में इसकी शिकायत की। अस्पताल में भर्ती महिला ने बताया कि वह रेलवे में नौकरी करती है। वह ही पति का खर्च उठाती है।इसके बाद भी पति उसके साथ मारपीट करता है। शारीरिक व मानसिक प्रताड़ित करता है।
पीड़िता ने बताया कि उसकी सास उर्मिला दमोह जिले के पथरिया में रहती है। वह वंश को आगे बढ़ाने के लिए बेटा चाहती थी। बेटी हुई तो उसका मुंह देखने तक नहीं आई। वहीं पति घर पहुंचने पर जान से मारने की धमकी दे रहा है। मोतीनगर पुलिस ने आरोपित पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना व मारपीट का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

विशेष किशोर इकाई की ज्योति तिवारी ने बताया कि शास्त्री वार्ड निवासी 30 वर्षीय आशा आठ्या प्रसव होने के बाद भाग्योदय अस्पताल में भर्ती है। उसकी शादी मार्च 2016 में अरविंद आठ्या से हुई थी। दोनों के यहां पहले एक बेटा हुआ था, लेकिन उसकी मौत हो गई थी। दूसरी बार प्रसव में आशा ने 23 फरवरी को बेटी को जन्म दिया। तब से ही पता उससे नाराज है। 24 फरवरी की रात अरविंद अस्पताल पहुंचा और लड़की पैदा करने की बात पर से आशा से मारपीट की। उनके स्वजनों ने उसे बचाया व अरविंद को वार्ड से बाहर किया।
अरविंद ने उस दौरान पत्नी को अस्पताल से घर आने पर जान से मारने की धमकी दी। आशा का कहना है कि वह रेलवे में नौकरी करती है। पति कुछ नहीं करता। उसकी कमाई से ही घर चलता है। इसके बाद भी पति प्रताड़ित करता है। प्रसव के दौरान आशा की बहन ने देखभाल की। मोतीनगर पुलिस ने अरविंद के खिलाफ दहेज प्रताड़ना धारा 498-ए, 323, 294 और 506 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पहले हुआ था बेटा, लेकिन जिंदा नहीं रहा। पीड़िता आशा का कहना है कि यह उसके यहां दूसरा प्रसव है। पहले भी एक बेटा हुआ था, लेकिन आठ महीने में ही डिलीवरी होने की वजह से वह जिंदा नहीं बचा। बेटे की मौत के बाद स्वजन बेटा ही चाहते थे।

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