Breaking
15 Oct 2025, Wed

आताताई को छोड़ना नहीं चाहिए : ब्रह्मचारी श्री निर्विकल्प स्वरूप

सिवनी/केवलारी। श्री निर्विकल्प स्वरूप जी केवलारी नगर के समीपवर्ति गाँव सरेखा में आयोजित की गई कथा जिसमें कथा व्यास पूज्य ब्रह्मचारी श्री निर्विकल्प स्वरूप जी ने आज की कथा का वर्णन करते हुए बताया कि जब अश्वत्थामा ने पांडवों के पुत्रों का वध कर दिया था। तब अर्जुन ने अश्वत्थामा को पड़कर द्रोपदी के पास लाकर पूछा हे! देवी तुम बताओ इसने पांचो पुत्रों को मारा है, द्रौपदी ने जैसे ही देखा तो द्रौपदी बोली छोड़ दो-छोड़ दो!

ये गुरु तुल्य है, कहा क्यों, तो द्रौपदी ने कहा यह गुरु पुत्र है, क्योंकि पिता ही पुत्र रूप में जन्म लेता है। इसलिए एक प्रकार से यह द्रोणाचार्य ही है, इसलिए इनको नहीं मारना चाहिए, छोड़ दीजिए कितनी बड़ी उदारता द्रौपदी जी ने दिखाई और कोई मां होती तो उसके बेटे को किसी ने मारा हो तो जब तक उसको ना मारे तब तक शांति नहीं मिलती मेरे बेटों को मार दिया, एक थप्पड़ मारा तो दो मार कर आओ! पर यह द्रौपदी महालक्ष्मी है सामान्य नारी नहीं है, स्वर्ग की लक्ष्मी है! द्रौपदी । इन्होंने कहा छोड़ दो फिर प्राण दंड तो नहीं दिया पर सोचा क्या करें मार भी नहीं सकते, छोड़ भी नहीं सकते क्या करें। भगवान श्री कृष्ण से पूछा क्या करें ,भगवान श्री कृष्ण ने कहा देखो जो आताताई है उसको मार डालना चाहिए

यह मेरी आज्ञा है और ब्राह्मण को कभी नहीं माना चाहिए यह भी मेरी आज्ञा है। तुम दोनों बातों का पालन करो फिर अर्जुन ने क्या किया अश्वत्थामा के मस्तक में जो मणि थी उसको निकाल दिया और सारा धन ले लिया उसको अपमानित करके देश से निकाल दिया

ताजासमाचार ग्रुप से जुड़ने लिंक मांग सकते हैं। वाट्सएफ नम्बर 94 2462 9494 से । या न्यूज के नीचे जाए और दिए गए वाट्सएफ जवाइन निर्देश बॉक्स में दो बार क्लिक कर ग्रुप में ज्वाइन हो सकते हैं। संतोष दुबे, सिवनी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *