प्रोफेसर वाजपेयी को सेवानिवृत्ति पर दी भावभीनी विदाई
सिवनी। पीजी काॅलेज के लोकप्रिय प्रोफेसर अनिल कुमार वाजपेयी की सेवानिवृत्ति पर महाविद्यालय परिवार ने भावभीनी विदाई दी। डॉ.बाजपेई की शासकीय सेवा से विदाई के मौके पर उनके परिवारजन तथा मित्रों सहित उनके रिसर्च स्कॉलर तथा कई भूतपूर्व विद्यार्थी भी शामिल हुए जो आज उच्च पदों पर आसीन हैं। डॉ. अनिल कुमार वाजपेयी 39 वर्षों की शासकीय सेवा पूरी कर सेवानिवृत हुए।
विदाई समारोह में वक्तव्य देते हुए प्राचार्य डॉ रविशंकर नाग ने बताया कि डॉ.वाजपेई शिक्षा के प्रति बहुत ही संवेदनशील प्राध्यापक रहे। उनकी सेवाओं का पूरा लाभ पीजी कॉलेज को मिला। रसायन विभाग की अध्यक्ष डॉ.रचना सक्सेना ने कहा कि प्रोफेसर बाजपेई शिक्षा और शोध के प्रति निष्ठावान रहे हैं। शिक्षा के प्रति गहरी ललक ने उन्हें एक लोकप्रिय शिक्षक बनाया। डॉ.अनिल बाजपेई ने शोध के क्षेत्र में मध्य प्रदेश का नाम रोशन किया है। उप प्राचार्य डॉ.अरविंद चौरसिया ने बताया कि प्रोफेसर बाजपेई ने कॉलेज के हर काम को बखूबी निभाया।
विदाई कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रोफेसर सत्येंद्र कुमार शेन्डे ने कहा कि डॉ.बाजपेई बहुत ही मिलनसार प्राध्यापक रहे। उनके व्यवहार ने कॉलेज स्टाफ सहित विद्यार्थियों का दिल जीत लिया। बताया कि डॉ. बाजपेई एक श्रेष्ठ रचनाकार भी हैं। विभिन्न विषयों पर लिखी उनकी कविताएँ मन को छू लेतीं हैं। डॉ.ज्योत्सना नावकर ने कहा कि प्रोफेसर बाजपेई हिंदी में अच्छी कविताएँ लिखने में सिद्ध हस्त हैं।कार्यक्रम में डॉ.सविता मसीह, डॉ. सीमा भास्कर, डॉ. प्रतिभा गुप्ता एवं अन्य प्राध्यापकों ने अपने विचार और अनुभव साझा किये।
विदाई कार्यक्रम में जबलपुर से पधारे सेवानिवृत्त प्राध्यापक द्वय डॉ.अहिरवार तथा डॉ.सुरेंद्र सिंह ठाकुर ने उन्हें एक संवेदनशील इंसान बताया। लखनादौन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर जीएल तलवारे ने बताया कि जब प्रोफेसर की तनख्वाह कम थी, तब भी डॉ.बाजपेई का संघर्ष हमेशा विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने में रहता था।
पीजी काॅलेज, सिवनी के भूतपूर्व प्राचार्य डाॅ. सतीश चिले ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि प्रोफेसर वाजपेयी का सकारात्मक सहयोग हमेशा काॅलेज को मिला। डॉ. चिले ने उन्हें बेहतरीन इंसान बताया।
संसार के शीर्ष वैज्ञानिकों में शुमार हैं डॉ. वाजपेयी – डॉ अनिल कुमार वाजपेयी का नाम दुनिया के दो प्रतिशत शीर्ष वैज्ञानिकों में शामिल रहा है। प्रोफेसर वाजपेयी के निर्देशन में लगभग 63 शोधार्थियों ने अपना शोध कार्य पूरा किया। जल शुद्धिकरण पर डॉ. वाजपेयी के पेटेंट को भारत सरकार ने स्वीकृति दी तथा अंतर्राष्ट्रीय मान्यता भी मिली है। डॉ. वाजपेयी को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया जाता है।
विदाई के मौके पर विशेष रूप से पधारे मध्यप्रदेश विधानसभा के सेवानिवृत्त प्रमुख सचिव राजकुमार पांडे ने डॉ. वाजपेई को बहुत ही भावुक इंसान बताया। डॉ. अनिल कुमार वाजपेयी के बहनोई राजकुमार पांडे प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश भी रहे।
कार्यक्रम में डाॅ. वाजपेयी की पत्नी डॉ. जया वाजपेयी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि प्रोफेसर वाजपेयी ने अपने शोधार्थियों और विद्यार्थियों को भी अपने परिवार का हिस्सा समझा। कहा कि आज भी उनके शिष्य प्रोफेसर वाजपेयी को शिद्दत से याद करते हैं।
अपने विदाई कार्यक्रम में अपने अनुभव साझा करते हुए प्रोफेसर अनिल कुमार वाजपेयी भावुक हो गए। उन्होंने महाविद्यालय परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया। कहा कि सिवनी का कार्यकाल उन्हें हमेशा याद रहेगा।
महाविद्यालय परिवार ने डॉ. वाजपेयी को शाल, श्रीफल और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
विदाई समारोह में काॅलेज परिवार के सभी प्रोफेसर, शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहे।
ताजासमाचार ग्रुप से जुड़ने लिंक मांग सकते हैं। वाट्सएफ नम्बर 94 2462 9494 से । या न्यूज के नीचे जाए और दिए गए वाट्सएफ जवाइन निर्देश बॉक्स में दो बार क्लिक कर ग्रुप में ज्वाइन हो सकते हैं। संतोष दुबे, सिवनी।