सिवनी। नाबालिग पीड़िता उम्र 16 वर्ष के पिता ने चौकी छींदा थाना केवलारी में रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिसंबर 2019 में वह मजदुरी करने अपने गांव चला गया था। दिनांक 10-01-2020 को उसकी पत्नी ने फोन करके बतायी कि अपनी बड़ी बेटी घर से कहीं चली गई है तब वह उसी दिन घर वापस आया और आसपास रिस्तेदारो में तलास किया था किन्तु कोई पता नहीं चला, घटना की रिपोर्ट पर चौंकी छींदा की पुलिस के द्वारा तलाश खोजबीन कि गई खोजबीन उपरांत नाबालिग पीड़िता को दिनांक 18.01.2020 को मुम्बई से दस्तयाब कर साथ में लेकर आई।
नाबालिग पीड़िता उम्र 16 वर्ष ने पूछताछ में बतायी कि पड़ोस की रहने वाली उसकी सहेली ने उसकी दोस्ती आरोपी मयूर पिता सफाक खान उम्र 23 वर्ष ग्राम गोपेवानी से करवाई थी और हर दिन आरोपी मयूर खान से मिलवाती भी थी और बोलती थी की तू मयूर के साथ भाग जा एक दिन आरोपी मयूर ने तुम मुझे अच्छी लगती हो कहकर गांव में मिलने के दौरान घर में आकर जबरदस्ती उसके साथ गलत काम किया था।
दिनांक 09-01-2020 को रात में घर के सब लोग सो गए थे तब आरोपी मयूर खान ने फोन किया और मुझे बुलाया और बहला फुसलाकर शादी का झांसा देकर अपने साथ बदलापुर मुम्बई ले गया था और मुझसे शादी करने को कहकर जबरदस्ती बार-बार गलत काम किया।
नाबालिग पीड़िता के पिता की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने अपराध क्रमांक 13/2020 के अन्तर्गत धारा 363, 366,376 ,376(2(n)), 109 IPC 3,4,5l,6 भादवि पाक्सो एक्ट ,3(1)(w)(i), 3(2)(v) एस. सी. एसटी एक्ट के तहत अपराध आरोपी के विरुद्ध पंजीबद्ध किया था, विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय(पॉस्को)के सामने प्रस्तुत किया गया था।
प्रदीपकुमार भौंरे एडीपीओ मीडिया सेल प्रभारी सिवनी ने बताया कि शासन की ओर से माननीय संचालक महोदय के निगरानी मे, विशेष लोक अभियोजक/ जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमति दीपा मर्सकोले के द्वारा विशेष रूचि लेकर गवाहों एवं सबूतों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया एंव तर्क दिया गया कि अभियुक्त के द्वारा नाबालिग पीडिता आदीवासी समाज की है यह जानते हुए भी उसके साथ ऐसा घिनौना कृत्य किया गया है। जिला अभियोजन अधिकारी सिवनी के सबूतो एवं तर्को से सहमत होते हुए माननीय विशेष् न्यायाधीश (पाक्सो) महोदय द्वारा आरोपी मयूर खान को निर्णय दिनांक 28 -04-2023 को धारा 366 भादवि में 5 वर्ष का सश्रम कारावास, एवं 500 रूपये अर्थदंड, धारा 5 l ,6 पाक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 15000 रूपये अर्थदंड, धारा 3(2)(5) एस. सी. एसटी एक्ट में आजीवन कारावास एवं 2000 रूपये अर्थदंड, धारा 3(i)(w)(1) में 2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये अर्थदंड से दंडित किया गया,एवं पीड़िता को 1 लाख रुपए प्रतिकर देने का आदेश दिया है।
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