गौघाट मे चल रही रामकथा को सुनने उमड पडा जनसैलाब
सिवनी। जव जव इस धरा पर अन्याय अत्याचार बढते है धर्म संकट मे पडता है तब तब अधर्मी ओर अन्याय का अंत करने भगवान धरा पर स्वयं अवतरित होते है एवं अधर्म का नाश का धर्म की स्थापना करते है। इस आशय के धर्मोपदेश जिले के गोैघाट धाम मे चल रही श्री राम कथा मे वणारसी से पधारी कथा वाचक साध्वी ऋचा मिश्रा द्वारा दिये गये। साध्वी जी ने बताया कि इस धरा पर भगववान के अवतरित होने के वैसे तो अनेक कारण है किन्तु उन्हे मुख्य तीन कारणो का उल्लेख करते हुए बताया कि ब््राम्हा के मानस पुत्रो मे सनंत सनंदन सनाद ओर सनंद कुमार द्वारा भगवान के पार्षदजय ओर विजय को दिये गये श्राप के कारण हुआ ओर इन्ही दोनो पार्षद बाद मे रावण ओर कुंभकरण बने जिनका भगवान ने श्रीराम रूप मे अंत किया दूसरा कारण बताते हुए उन्होने बताया कि नारद क े श्राप को बताया जिन्होने भगवान की रचायी लीला को समझ नही पाये ओर भगवान को ही पत्नि वियोग का श्राप दे दिया। तीसरा कारण उन्होने सती वृद्वां के श्राप को बताया जिनके पति जलांधर के बध करने के लिए भगवान को जलांधर का रूप बनाकर सती वृद्वा के कारण छल करना पडा जिसके कारण राक्षस जलांधर का अंत हुआ। साध्वी ऋणाा मिश्रा ने अपने धर्मोपदेश देते हुए लोगो से निवेदन किया कि वे जाति वर्ग व्यस्था के विरूद्व अपने को केवल सनातनी माने ओर सनातनी का धर्म अपने की रक्षा करना होता है उन्होने बताया कि लुटेरो ने इस देश से सोना चंादी सब कुछ लूट लिया किन्तु हमारी धार्मिक ओर संास्कृतिक अस्मिता पर आंच नही आ सकी इसके लिए भले ही अनेक ऋषि मुनियो को अपनी जान गंवानी पडी। इसके बाद कथा को आगे बढाते हुए उनके द्वारा बताया कि माता सती के प्रश्र पर भगवान शिव ने माता पार्वती को पूरी रामकथा का विस्तार से वर्णन किया भगवान शंकर द्वारा माता को सुनाई गयी रामकथा को ही गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना की और इस तरह से यह रामकथा हमे सनातनियो के घर घर तक पहुंच सकी। उन्होने कहा कि रामकथा हमे जीवन जीने का ढंग सिखाती हेै ओर अपने धर्म की रक्षा करने की सीख देती है।
इसके बाद उन्होने अयोध्या नरेश राजा दशरथ के यहां वशिष्ठ मुनी के आर्शीवाद चारो पुत्रो के जन्म का सुंंदर वर्णन करते हुए बताया कि भगवान राम जव माता कोशल्या के सामने चतुर्भुुज रूप मे प्रगट हुए तो माता ने इस रूप को वेटै के रूप मे स्वीकार न करते हुए उन्हे नवजात शिशु के रूप मे बनने का निवेदन किया जिसके बाद भगवान बालक बन गये ओर जिनके रूदन की आवाज से महल के लोगो को पता लग गया कि चार चार पुत्रो का जन्म हुआ है। गोैघाट मे चल रही इस कथा को सुनने इस दिन सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन के अलावा भाजपा जिलाध्या आलोक दुबे एवं पूर्व विधायक ठा रजनीश सिह सहित क्षेत्रीय जिला पंचायत सदस्य श्रीमति रजनी श्रीराम ठाकुर भी पहुंचे ओर साध्वी जी से आर्शीवाद प्राप्त किया समिति ,इन अतिथियो का शाल श्रीफल से स्वागत किया गया। पूर्व विधायक ठा रजनीश सिह नेसमिति सदस्यो ने भगवानक के जन्मोत्सव का खूब नाच गाकर लुत्फ उठाया श्री सिह ने मैदान के समतलीकरण के लिए अपनी ओर से एक लाख एक हजार रूपये देने की घोषणा की जिसका समिति सहित उपस्थित श्रद्वालुओ ने ताली बजाकर स्वागत किया।
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