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सिवनी। हाल ही में मध्यप्रदेश में विदेश से 8 चीते मंगाए गए। वही मध्यप्रदेश के पेंच नेशनल पार्क में वन्यजीवों के शिकार का मामला सामने आते ही यहां की सुरक्षा व्यवस्था व कार्यप्रणाली की पोल खुल गई है।
बाघ के शिकार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। आए दिन यहां बाघों की संदिग्ध मौत हो रही है। शनिवार सुबह सिवनी जिले के पेंच टाइगर रिजर्व से लगे बफर जोन के कोर एरिया में बीच नदी में एक बाघ मृत अवस्था में पाया गया है। शुरुआती तौर पर संदेह जताया जा रहा है कि बाघ को करंट लगाकर मारा गया है। जब देशभर में वन्य प्राणी सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा हो, तब टाइगर हंटिग की घटना वन विभाग पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
जानकारी के मुताबिक पेंच टाइगर रिजर्व के बफर जोन में बादलपार और कोना पिंडरई के बीच पेंच नदी में कुछ मछुआरों ने आज बाघ का शव नदी में उतराते हुए देखा। मछुआरों ने इस बात की जानकारी वन विभाग को दी। सूचना मिलने के बाद वन महकमा मौके पर पहुंचा। मौके पर डाग स्क्वायड भी मौजूद है।

बताया जा रहा है कि नदी में जिस बाघ का शव मिला है वह है 2 से 3 वर्ष का है। यह नर बाघ की मौत किस कारणों से हुई इसको लेकर वन विभाग की टीम ने चुप्पी साध ली है। वन विभाग के चिकित्सक डॉ अखिलेश मिश्रा ने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया कि हम पोस्टमार्टम की तैयारी कर रहे हैं, उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। हालांकि, बाघ का पंजा कटा हुआ है, जिससे स्पष्ट है कि शिकारियों ने ही उसकी हत्या की हो।
लगातार हो रहीं हैं मौतें
बता दें कि मध्य प्रदेश में बाघों की मौत का सिलसिला जारी है। हाल ही में उमरिया स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघिन का शव मिला था। मृत बाघिन की लगभग उम्र 10 से 11 साल के बीच थी। इससे पहले सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र की देवखला बीट में गश्ती के दौरान बीट गार्डों को एक मादा बाघ का शव मिला था। पन्ना-कटनी राजमार्ग पर बाघ का शव मिलने की घटना सामने आ चुकी है।
मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में 124 बाघों के साथ बांधवगढ़ ने अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन पिछले तीन सालों में बांधवगढ़ ने अपने दो दर्जन से ज्यादा बाघ खो दिए हैं। बांधवगढ़ में 2 साल के अंदर तीन बाघिन और तीन शावकों का शिकार हो गया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगातार हो रही बाघों की मौतों से मध्य प्रदेश को मिला बाघ स्टेट का दर्जा भी खतरे में पड़ सकता है।
वाइल्ड लाइफ टूरिस्ट एवं एक्सपट्र्स का कहना है कि पेंच, कूनो और कान्हा इलाके में अब भी कई खतरनाक शिकारी बेखौफ घूम रहे हैं। लेकिन वन विभाग को उसकी कोई जानकारी तक नहीं है।
सिवनी जिले में बीते 3 दिनों में 2 तेंदुए व 1 बाघ के मृत होने की जानकारी सार्वजनिक हुई है।
जिले के पेंच टाईगर रिजर्व अंतर्गत आने वाले कर्मझरी परिक्षेत्र के छिदीमट्टा बीट में शनिवार को सुबह 14 वर्षीय मादा तेंदुए का शव गश्ती दल को मिला है जिसका पोस्टमार्टम उपरांत शवदाह वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया है। पेंच टाईगर रिजर्व के अधिकारियो से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह नियमित गश्ती के दौरान कमीझरी परिक्षेत्र के अंतर्गत छिदीमट्टा बीट में गश्ती दल ने एक तेंदुए का शव देखा जिसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को गश्ती दल ने दिया। सूचना पर वरिष्ठ अधिकारी एवं वन्यप्राणी चिकित्सक घटना स्थल पर पहुंचे को देखा और घटना से संबंधित साक्ष्य एकत्रित कर क्षेत्र का अवलोकन किया तथा तेदुंए के शव का पोस्टमार्टम उपरांत शवदाह वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया। बताया गया कि पोस्टमार्टम के दौरान स्पष्ट हुआ कि उक्त तेंदुआ 13 से 14 वर्ष आयु की मादा थी तथा उसके केनाईन दांत घिस चुके थे। उसके गर्दन पर किसी अन्य प्राणी के द्वारा किए गए घाव थे नाखूनों के द्वारा किए गए घाव थे और अत्यधिक रक्तस्त्राव भी था आसपास के वन क्षेत्र एवं पेड़ों पर संघर्ष के निशान थे इससे प्रतीत होता है कि उक्त मादा तेंदुआ की मृत्यु आपसी लड़ाई में हुई है। मादा तेंदुआ के अन्य समस्त अंग एवं शरीर पूर्णता सुरक्षित था एवं किसी भी प्रकार के शिकार के चिन्ह नहीं थे।
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