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21 Dec 2025, Sun

हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास

सिवनी। जिला सिवनी का मामला इस प्रकार है कि जिला अस्पताल सिवनी से तहरीर प्राप्त होने पर पुलिस जिला अस्पताल पहुचकर पीड़िता काशीबाई पति कन्हैया लाल बघेल उम्र 45 वर्ष निवासी सिमरिया के कथन लेख करती है, पीड़िता बताती है कि मदन बघेल पिता भूपत बघेल उम्र 48 वर्ष दिनांक 1 अगस्त 2021 के 11:30 बजे दिन मे उसके खेत के अंदर से गाय भैंस ले जा रहा था उसने मना किया की जानवरों के लाने ले जाने से उसके खेत का चारा खराब हो रहा है,तो वह गाली गुफ्तार करने लगा, और उसे हाथ पकड़ कर पटक दिया और उसकी छाती पर लात रखा और उसे लाठी से सिर में मारा एवं दाहिने हाथ,बाया हाथ की भुजा व कलाई मे लाठी से मारा,जिससे चोटे लगी तथा खून निकला है।

कथन लेने के बाद आरोपी मदन बघेल के विरुद्ध महिला थाना सिवनी में आरोपी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 199 /21 धारा 323 ,324,294, 506 भारतीय दंड विधान के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। इलाज के दौरान दिनांक 03 अगस्त 2021 को पीड़िता काशीबाई की मृत्यु हो जाती है। पीड़िता की मृत्यु होने पर आरोपी मदन के ऊपर धारा 302 भादवि का अपराध दर्ज कर विवेचना महिला थाना प्रभारी गोदावरी नायक के द्वारा गंभीरता से की गई तथा अभियोग पत्र माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए नोडल पुलिस अधिकारी प्रदीप वाल्मीकि को नियुक्त किया गया जिन्होंने कर्तव्यनिष्ठा से अपना कार्य करते हुए अभियोजन को सहयोग किया। विचारण के दौरान प्रकरण के महत्वपूर्ण साक्षी पक्षद्रोही हो गए थे एवं अभियुक्त एवं उसके परिजन द्वारा अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए गवाहों को न्यायालय में साक्ष्य देने से दूर रहने हेतु धमकी दे रहे थे जिसके परिणाम स्वरूप साक्षी जयदीप बघेल ने गवाही के पूर्व आत्महत्या कर लिया था जिसके कारण आरोपी मदन बघेल के साथ ही परिजनों के विरुद्ध धारा 306 भादवी का प्रकरण प्रथक से पंजीबद्ध किया गया था जो वर्तमान में विचाराधीन है।

प्रकरण का एकमात्र चक्षू दर्शी साक्षी तथा विशेष अभियोजन अधिकारी/वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी नवलकिशोर सिंह द्वारा तर्क के दौरान प्रस्तुत तकनीकी एवं वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्क से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय ने अभियुक्त को धारा 302 भा द वि के अंतर्गत दोषी पाया तथा आज दिनांक 18 अगस्त 2022 को आजीवन कारावास एवं 1000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।

उक्त प्रकरण का विचारण प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिवनी दवारा किया गया जिसमें शासन की ओर से लोक अभियोजक नवल किशोर सिंह एवं श्रीमती उमा चौधरी विशेष अभियोजन अधिकारी द्वारा विशेष रूचि लेकर सीमित संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर अभियुक्त को दोषी ठहराया जाने में विशेष भूमिका अदा की गई।

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