मध्य प्रदेश शिक्षा सिवनी

अब ऑनलाइन होंगे शिक्षकों के तबादले, प्रभारी मंत्री की भूमिका हुई खत्म

सिवनी/(भोपाल से)। किसी भी विभाग में सरकारी कर्मचारियों के स्थानांतरण को लेकर अक्सर चर्चाओं का बाजार गर्म रहता है। स्कूल शिक्षा विभाग की नई तबादला नीति को मध्यप्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। मंगलवार को भोपाल में हुई शिवराज कैबिनेट में इसे मंजूरी दी गई।

बैठक में स्कूली शिक्षा में तबादला नीति, देसी गाय पालने पर अनुदान, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी मास्टर ट्रेनिंग और नक्सल विरोधी अभियान में हॉक फोर्स की पुलिस कर्मियों को विशेष भत्ता देने समेत कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

नई तबादला नीति अगले शिक्षण सत्र 2023-24 से प्रदेश में लागू होगी और इसके लागू होने के बाद प्रभारी मंत्रियों की शिक्षकों के ट्रांसफर में कोई भूमिका नहीं रहेगी और ऑनलाइन पोर्टल के जरिए ही शिक्षकों के तबादले होंगे। नई तबादला नीति में ये भी तय किया गया है कि सभी शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में अपनी सेवाएं देनी होंगी।

स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने मंगलवार को हुई शिवराज कैबिनेट बैठक के दौरान नई तबादला नीति के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी दी जिस पर सीएम शिवराज सिंह ने पहले तो नई नीति बनाए जाने को लेकर सभी मंत्रियों से फीडबैक लेने के बारे में पूछा और फिर सवाल जवाबों के बाद नई तबादला नीति को मंजूरी दे दी। नई तबादला नीति अगले शिक्षण सत्र 2023-24 से प्रभावी होगी। जिसकी जानकारी बाद में विभाग के द्वारा दी जाएगी। मौजूदा शिक्षण सत्र में तबादले पर से प्रतिबंध हटाने के संबंध में निर्णय अलग से लिया जाएगा।

तबादला नीति की खास बातें-

  • शिक्षण सत्र 2023-24 से लागू होगी नई तबादला नीति।
  • सभी को स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
  • रिक्त पदों की उपलब्धता के आधार पर किए जाएंगे तबादले।
  • नई तबादला नीति में प्रभारी मंत्री को कोई भूमिका नहीं रहेगी।
  • शिक्षकों को मंत्री और विधायकों की निजी स्थापना में भी पदस्थ नहीं किया जाएगा।
  • ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में सभी शिक्षकों को सेवाएं देनी होंगी।
  • हर साल दिसंबर से 31 जनवरी तक संभावित रिक्तों की जानकारी तैयार की जाएगी।
  • 31 मार्च से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे और 30 अप्रैल तक आदेश जारी होंगे।
  • नए शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में तीन साल सेवा देनी होगी।
  • पूरे सेवाकाल में हर शिक्षक को 10 साल ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में रहना होगा।
  • शहरी क्षेत्रों में दस साल तक पदस्थ शिक्षकों को भी ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाएगा।
  • प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर स्थानांतरण किए जाएंगे।
  • स्वैच्छिक स्थानांतरण भी ऑनलाइन ही होंगे।
  • रिलीविंग और ज्वाइनिंग की कार्यवाही ऑनलाइन होगी।
  • एक बार स्वैच्छिक स्थानांतरण होने के बाद विशेष परिस्थिति छोड़ कर 3 वर्ष तक स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा।

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