सिवनी। हाईकोर्ट ने एक मामले में यह कहा कि चूंकि आवेदक दोषमुक्त हुआ है इसलिए उसे पुलिस की नौकरी से वंचित नहीं किया जा सकता है। न्यायमूर्ति श्री मनिंदर सिंह भट्टी की युगलपीठ ने कहा कि इस मामले में आवेदक ने अपने पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में छुपाया नहीं बल्कि नौकरी लेने से पहले खुद ही जानकारी दी और बाद में बरी भी हुआ।
हाईकोर्ट ने कहा कि इसके अलावा आवेदक का पूरा पिछला रिकॉर्ड बेदाग रहा है। इस मत के साथ कोर्ट ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि आवेदक को कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति देने पर निर्णय लिया जाए। हाईकोर्ट ने इसके लिए 90 दिन की मोहलत दी है।
सिवनी निवासी संतोष कुमार बघेल की ओर से याचिका दायर कर बताया कि उसने पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में भाग लिया था और उत्तीर्ण भी हुआ था। उसका चयन भी हो गया था। बाद में दस्तावेज निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि उस पर एक आपराधिक प्रकरण दर्ज है। जिसमें वह बरी हो गया था । पुलिस अधीक्षक सिंगरौली ने आवेदक को अपात्र बताते हुए चयन निरस्त कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के न्यायदृष्टांत का हवाला देते हुए नियुक्ति की मांग की गई थी। वहीं शासन की ओर से दलील दी गई कि उक्त आपराधिक प्रकरण में अभियोजन की विफलता के कारण कोर्ट ने आरोपित को दोषमुक्त किया था। इसलिए वह पुलिस में भर्ती होने अपात्र है।
— — — — — — — — — — — — — — — — — — — — — ताजासमाचार ग्रुप से जुड़ने लिंक मांग सकते हैं। वाट्सएफ नम्बर 94 2462 9494 से । या न्यूज के नीचे जाए और दिए गए वाट्सएफ जवाइन निर्देश बॉक्स में दो बार क्लिक कर ग्रुप में ज्वाइन हो सकते हैं। संतोष दुबे, सिवनी।