सिवनी/(भोपाल से)। मप्र में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में 20000 अतिथि शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद भी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 40000 पद रिक्त रह जाएंगे। यानी कि सरकार शिक्षकों के रिक्त पदों के विरुद्ध अस्थाई अतिथि शिक्षकों की भर्ती करने को भी तैयार नहीं है।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट में कुल 100000 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इनमें से 40000 पदों पर पहले से ही अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। जिन्हें अब तक नियमित नहीं किया गया है। इस समायोजन के बाद भी 60000 पद रिक्त रहते हैं। नियमित शिक्षक वर्ग 3 की नियुक्ति वर्तमान शिक्षा सत्र में संभव नजर नहीं आ रही। माना जा रहा है कि 2023 चुनाव से पहले नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे।
फिलहाल 20000 अतिथि शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। जिन्हें इस शर्त पर भर्ती किया जा रहा है कि यदि बीच सत्र में नियमित शिक्षकों की भर्ती हुई तो उन्हें बिना कारण हटा दिया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग में हर साल 5000 शिक्षक रिटायर हो रहे हैं। पिछले 6 सालों में 30,000 शिक्षक रिटायर हो चुके हैं।
कुल मिलाकर मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 100% बच्चों को मध्यान्ह भोजन का वितरण होगा। सरकारी कार्यक्रमों में 100% बच्चे उपस्थित होंगे परंतु 100% विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए 100% शिक्षक नहीं होंगे।
अतिथि शिक्षक भर्ती- पुरानों को यथावत, अनुभवी को प्राथमिकता की मांग
विगत सत्र में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को यथावत रखा जाय एवं वर्षों तक अध्यापन का अनुभव रखने वाले अतिथि शिक्षकों को रिक्त पदों पर पुनः अवसर दिया जाय। गौरतलब है कि सरकार की गलत नीति के कारण हजारों अतिथि शिक्षक वर्षों तक अध्यापन करवाने के बाद भी बेरोजगार हो गए हैं।
यदि उनको स्कोर कार्ड में सत्र एवं कार्यदिवस के आधार पर बोनस अंक दिए जाते तो एक भी अनुभवी अतिथि शिक्षक बेरोजगार नहीं होता लेकिन तत्कालीन कमलनाथ की सरकार ने नए लोगों से मेरिट सूची तैयार करवा दी थी। इस तरह से वर्षों तक सेवा देने वाले अतिथि शिक्षकों के साथ अन्याय हुआ है। संगठन की ओर से कई बार आवेदन दिए गए हैं कि अनुभव के आधार पर अतिथि शिक्षकों को लाभ दिया जाय।
अपडेशन के लिए पोर्टल खोलने –
दो वर्ष से अतिथि शिक्षक स्कोर कार्ड में संसोधन के लिए भटक रहे थे। हजारों लोगों को योग्यता जुड़वाना है। अपडेशन की तारीख को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। ताकि अतिथि शिक्षकों को स्कोर कार्ड अपडेशन के लिए और समय मिल सके।
हरियाणा या छतीसगढ़ की भांति नीति बनाने मांग –
हरियाणा सरकार ने अतिथि शिक्षकों की सेवा को 58 वर्ष तक यथावत रखने एवं स्थाई शिक्षकों के बराबर वेतन देने का आदेश जारी किया है । प्रतिवर्ष वेतनवृद्धि की लगाई जाती है। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने अतिथि शिक्षकों का पद स्थाई करते हुये आदेश जारी किया है कि जहां अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं उस पद पर सीधी भर्ती, स्थानांतरण या पदोन्नति से कोई भी शिक्षक नही आ सकता। अतिथि शिक्षकों को मुख्यमंत्री जी से उम्मीद है शीघ्र अतिथि शिक्षकों के हित में नीति बनाकर भविष्य सुरक्षित करेंगे।



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