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सिवनी। जिला मुख्यालय से छिंदवाड़ा मार्ग पर लगभग 10 किलोमीटर दूर कारीरात के ओपन कैप में रखा सैकड़ों क्विंटल धान देखरेख के अभाव में सड़ गया। धान को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन और विपणन संस्था की होती है।
50-60 हजार टन थी धान – कारीरात ओपन कैप में लगभग 60 हजार टन धान का भंडारण किया गया था। यहां वर्ष 2018-19 और 2019-20 में भंडारित धान के साथ गत वर्ष भी बड़ी मात्रा में धान का भंडारण किया गया था लेकिन अधिकारियों द्वारा धान को सड़ने से बचाने के लिए किए गए प्रयास सार्थक साबित नहीं हुए।
हर ढेर की धान प्रभावित – धान को रखे जाने के लिए कारीरात के ओपन कैप के काफी बड़े हिस्से में सीमेंट के बनाए गए स्टेक में धान का भंडारण कर विदेश से मंगाई गई नीले रंग की विशेष पॉलिथीन से ढाक कर सुरक्षित रखा गया था। वही ओपन कैप में अनेक कर्मचारियों को इसकी देखरेख के लिए रखा गया था, बावजूद अधिकांश स्टेक में पॉलिथीन से ढक कर रखी गई धान सड़ गया। वहीं अनेक ढेरों में रखे धान के बोरे ऊपर से नीचे जमीन सतह में भसक कर गिर गए जिसकी भी सुध नीचे के कर्मचारियों-अधिकारियों से लेकर ऊपर तक के आला अफसरों ने नहीं ली। जिसके चलते पिछले दो-तीन साल से भंडारित धान धीरे-धीरे सड़ गया। सड़ चुके धान से उठने वाली दुर्गंध से भी आसपास के लोगों का जीना दूभर हो रहा है।
अब की जा रही नीलामी – बड़ी मात्रा में सड़ चुका धान कि अब नीलामी कर यहां से उठाया जा रहा है। इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि प्रति क्विंटल लगभग 900 से 1000 रुपए की दर से धान को नीलाम कर दिया गया है। नीलामी प्रक्रिया के तहत धान की नीलामी में शामिल लगभग 8 पार्टी है जो अब धान को यहां से उठाकर परिवहन में जुटे हैं।
25 प्रतिशत सड़ा धान – बड़ी संख्या में बनाए गए स्टेक में रखी लगभग 60 हजार टन धान में 25 प्रतिशत धान सड़ चुका है लेकिन संबंधित अधिकारी मात्र 10 प्रतिशत की नुकसानी बता रहे हैं 90 प्रतिशत धान अच्छी बता रहे हैं जबकि तेज हवा में पॉलिथीन उड़ गई थी स्टेक में रखी खुले धान के बोरे बारिश में गीले हो गए वही पहले से सड़ चुका धान की मात्रा भी काफी है।
अनेक जगह उपयोग होगा सड़ा धान – भंडारित धान को मिल में भिजवा कर चावल बनाया जाता है लेकिन अन्नदाता द्वारा पैदा की गई धान को सड़ा कर इसका उपयोग ईट भट्टा व फैक्ट्री में भिजवाया जाएगा। साथ ही अन्य मादक पेय पदार्थ में भी उसका उपयोग होने की संभावनाएं बताई जा रही है जिसकी बिक्री से बड़ी मात्रा में लाभ होता है।
इनका कहना है
कारीरात के ओपन कैप में लगभग 60 हजार टन धान का भंडारण किया गया था। धान के सड़ जाने से 900 से 1000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की नीलामी कर दी गई है।
शैलेश उपाध्याय प्रबंधक
मप्र वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन सिवनी।




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