सिवनी

भगवान का स्पर्श पाते ही जीव मोह माया के बंधन से हो जाता है दूर : पं. दिनेश कुमार मिश्र

https://youtu.be/TZoE6J5j8KM

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सिवनी। श्रीमद् भागवत महापुराण कथा मानव की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। कथा श्रवण करने और निश्छल मन से एक बार भगवान का नाम लेने से करोड़ों गुना पुण्य की प्राप्ति होती है। उक्त आशय की बात विकासखंड बरघाट के गांव खामी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन शनिवार को कथा व्यास पंडित दिनेश कुमार मिश्र ने श्रद्धालुजनों से कहीं।
जीव भगवान का स्पर्श पाते ही मोह माया के बंधन से व्यक्ति दूर हो जाता है। मनुष्य की बुद्धि कुब्जा की तरह टेड़ी मेढ़ी होती है। भगवान की भक्ति में लगन लगाने से मनुष्य की बुद्धि शुद्ध हो जाती है।

भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है और श्रीमद भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। भगवान की कथा मन बुद्धि व चित को निर्मल कर देता है।

भगवान की कथा मन बुद्धि व चित को निर्मल कर देता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है।

भगवान विष्णु मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता है। जब-जब पृथ्वी पर असुर और राक्षसों का आतंक बढ़ता है, भगवान विष्णु किसी न किसी रूप में अवतरित होकर उनका संहार करते हैं।

कथा वाचक पं. दिनेश कुमार मिश्र

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