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सिवनी। शिव का अभिषेक जरूर करना चाहिए। जैसे ही शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं शिवलिंग में ठंडक आती है। शिव ऐसे भक्तों को सुख-शांति का आशीर्वाद देते हैं। शिव को जल धारा अति प्रिय होती है। शिव ऐसे भक्तों को किसी प्रकार का कष्ट नहीं देते बल्कि ऐसे भक्तों के जीवन में आनंद की गंगा बहा देते हैं। यह बात कथा के चौथे दिन गुरुवार को नगर के शिव शक्ति मंदिर राजपूत कॉलोनी टैगोर वार्ड में जारी श्री शिव महापुराण महोत्सव में धर्म पथिक शैलेंद्र कृष्ण शास्त्री वृंदावन श्रद्धालुओं से कहीं।
शिव महापुराण का महत्व है। भगवान की कथा में भूमि का प्रभाव होता है। एक माला जब हम घर, मंदिर या तीर्थ में करते है तो उसका महत्व अलग अलग होता है।
हर कंकर ही शंकर होता है, पार्थिवेश्वर पूजन सर्वश्रेष्ठ है वर्षों तक एक ही स्थान पर लगातार शुभ मंगल कार्य किया जाए तो शास्त्रों में वर्णन है कि वह स्थान सिद्ध पीठ हो जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि शिव महापुराण की कथा सुनने के लिए जन्म जन्मांतर के पुण्यों की जरूरत होती है। प्रतिदिन पार्थिववेश्वर पूजा करता है तो ये सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। मां नर्मदा में हर कंकर शंकर है पार्थिवेश्वर जो नर्मदा से मिलते हैं। उनकी स्थापना की जरूरत नहीं है। वह शिव की कृपा से स्वयं सिद्ध होता है, इसलिए सीधे पूजन कर सकते हैं।
कान्हा राधा रानी मनीषा रामनारायण उषा श्याम नारायण चौधरी व रामकथा समिति एवं शिव शक्ति महिला मंडल सिवनी ने बताया कि शिव कथा श्रवण करने दूरदराज से लोग पहुंचकर धर्म लाभ ले रहे हैं।
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