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सिवनी। मौसम में लगातार परिवर्तन अभी भी बना हुआ है। गुरुवार को जिले के धनोरा, छिंदा में मौसम में बदलाव हुआ और आसमान में बादलों ने डेरा डाला तथा झमाझम बारिश तो कहि कहीं ओलावृष्टि हुई। वही बारिश के बाद अब ठंड के बढ़ने के आसार एक बार पुनः बन गए हैं। धनोरा, पिपरिया, साजपानी, कुरंभट्टा, टोला सहित दर्जनों ग्रामों में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। बेर के आकर के ओले गिरने से किसानों की चिंता बढ़ गई है।

गुरुवार को हुई ओलावृष्टि की मार से जिले के किसान करहा उठा है। इस बार ओलावृष्टि का कहर मंडला जिले की सीमा से लगे केवलारी व धनौरा तहसील के गांव में देखने को मिला।गुरूवार शाम 4 बजे के करीब धनौरा तहसील मुख्यालय से लगे कई गांव में तेज बारिश के साथ चने व बेर आकर के ओले गिरे।वहीं केवलारी तहसील के छींदा क्षेत्र करीब 27 से ज्यादा गांव में शाम करीब 5 बजे रूक-रूककर बारिश व ओलावृष्टि हुई।पीड़ित किसानों ने बताया कि, तेज बारिश के साथ आंधी-तूफान व ओलों की मार से गेहूं की फसल खेतों में बिछकर बर्बाद हो गई। केवलारी के छींदा क्षेत्र में प्रारंभिक जानकारी के अनुसार कुछ गांव में फसलाें को 60 से 70 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचने की बात कहीं जा रही है।गेहूं की फसल लगभग पककर कटने के लिए तैयार हो चुकी थी, ऐसे में ओलावृष्टि ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।प्रारंभिक जानकारी के अनुसार केवलारी व धनौरा तहसील के 42 गांव ओलवृष्टि से प्रभावित हुए हैं।
छींदा क्षेत्र में ओलों ने मचाई तबाही- ओलावृष्टि से केवलारी तहसील के छींदा क्षेत्र में ज्यादा नुकसान हुआ है।केवलारीखेड़ा, माल्हनवाड़ा, पुंगार, सर्रई, पुंगारटोला, बक्शी, बबरिया, तिंदुआ, छींदा, सालीवाड़ा, रायखेड़ा, कोहका, चांदनखेड़ा गुबरिया, पुतर्रा, बुधवारा, किमाची, टाला, भाटा, टाली, कारापाठा इत्यादि गांव में बेर और उससे बड़े आकर के ओले गिरे हैं। कुछ गांव में आंवला आकर के ओले गिरे हैं।किसानों ने बताया कि 7 से 8 बार रूक-रूककर बारिश के साथ क्षेत्र में ओलावृष्टि हुई है।छींदा के किसान सचिन राजपूत ने बताया कि करीब डेढ़ घंटे तक तेज बारिश हुई।इस दौरान रूक-रूककर ओलावृष्टि हुई है।वहीं धनौरा तहसील मुख्यालय में दोपहर करीब 4 बजे जोरदार बारिश से सड़कें सराबोर हो गई। धनौरा में हल्की ओलावृष्टि हुई है, जबकि तहसील मुख्यालय से लगे सलेमा, साजपानी, बेगरवानी, तीतरी इत्यादि गांव में ओलावृष्टि से सड़क व घर के आंगन में ओलों की परत जम गई।तीतरी गांव के किसान रामचंद्र उइके ने बताया कि, आंधी तूफान के साथ हुई बारिश व ओलावृष्टि से गेहूं, चना व दलहन फसलों को भारी नुकसान हुआ है। खेतों में लगी सब्जी, भाजी व अन्य नकदी फसलें भी ओलावृष्टि की मार से तबाह हो गई हैं।
अचानक बदले मौसम के मिजाज से ठंड फिर बढ़ गई। वही तेज बारिश से भी जन जीवन प्रभावित हुआ है। किसानों द्वारा मौसम साफ होने के बाद खेत पहुंचकर फसलों की स्थिति देखी जाएगी। क्षेत्र के किसानों को फसल नुकसानी का डर भी सता रहा है।
रुक रुक कर दो बार पानी और ओलावृष्टि हुई। आज गुरुवार दोपहर हुई तेज बारिश, ओलावृष्टि के बाद ठिठुरन भरी ठंड बढ़ गई। इससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। साथ ही इससे लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी हुई।
ओलावृष्टि की जानकारी किसानों ने राजस्व अधिकारियों को दे दी है। अब अधिकारियों के निरीक्षण के बाद ही पता चल पाएगा कि किसानों का कितना नुकसान हुआ है।
जिला मुख्यालय में खिली रही धूप- जिला मुख्यालय में सुबह से तेज धूप खिली रही।सूरज की तीखी किरणों ने लोगों को गरमी का अहसास कराया। मुख्यालय में दिन भर आसमान साफ रहा। मंडला जिले की सीमा से सटे गांव में बारिश व ओलावृष्टि का असर दिखाई दिया। इससे पहले 8, 9 और 11 जनवरी को सिवनी, कुरई, बरघाट और केवलारी तहसील में हुई जोरदार ओलावृष्टि से 165 गांव के 17479 किसानों की 20630 हेक्टेयर में लगी गेहूं, चना, मटर व अन्य सागसब्जी की फसल नष्ट हुई थी।
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