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सिवनी। मौसम में बदलाव होने से किसान चिंतित हैं। बीते दो-तीन दिनों से हो रही जिले भर में बारिश के साथी मंगलवार को विकासखंड कुरई, खवासा, आमझिरी व आस-पास के गांव में सुबह 9:30 बजे से बारिश शुरू हुई साथ ही चने के आकार के ओले गिरे।
फसलों को नुकसान होने की संभावना बढ़ गई है। आलू, सरसों व अरहर की फसल को लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि अब तक कहीं भी बिगड़े मौसम से फसलों को नुकसान होने की जानकारी नहीं आई है।
पाला का असर दिखने लगेः कृषि विज्ञानियों के मुताबिक गिरते तापमान और कोहरे, पाले का असर रबी की फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इन दिनों मौसम को लेकर किसान चिंतित हैं। घने कोहरे के बाद पाला पड़ने की संभावना है। अगर ऐसे ही पारा गिरता रहा तो इसका सबसे ज्यादा असर रबी सीजन की दलहनी फसलों के साथ ही आलू पर पड़ेगा। तापमान कम होने से मटर, चना और आलू की फसलों पर पाला रोग का खतरा बना हुआ है। इससे बचाव के लिए किसान गंधक के तेजाब का छिड़काव कर सकते है। इससे फसल के आसपास के वातावरण का तापमान बढ़ जाता है।
सरसों की फसल पर भी कोहरे का पड़ सकता है असरः घने कोहरे और पाले के दौरान आलू की फसल के अलावा सरसों की फसल को भी नुकसान होता है। जबकि गेहूं पर इसका कोई असर नहीं होता। सरसों की फसल का फूल इस कोहरे और पाले में नष्ट हो जाता है। कृषि विज्ञानियों ने बताया कि कोहरे और पाले से सरसों की फसल बचाने के लिए खेत के पास धुआं करना चाहिए। इससे ठंड का असर कम होता है और फसल को सुरक्षित रखा जा सकता है। ठंड का असर सरसों की फसल पर कम होता है।इस कोहरे और पाले से गेहूं की फसल को लाभ होता है। इस मौसम में गेहूं की फसल को नमी मिलती है।
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