सिवनी। नांदिनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के षष्ठ दिवस की कथा में पूज्य ब्रह्मचारी श्री निर्विकल्प स्वरूप जी महाराज ने बताया कि भगवान ने गोपियों के चीर हरण क्यों किया , किस प्रकार उन्होंने वंशी बजाई, किस प्रकार भगवान ने अपने भक्तों को सुख दिया, किस प्रकार उन्होंने गोवर्धन को धारण किया, बाल लीलाओं का कल आप सब ने श्रवण किया, किस प्रकार उन्होंने अपने भक्तों को सुख दिया इन सब लीलाओं का आप सब ने कल श्रवण किया ।
संसार में किसी चोर की चोरी की कथा सुनने से पुण्य हो सकता है मगर यह ऐसा चोर है, इसकी प्रत्येक लीला चाहे कोई भी हो सब मन के दोषों को दूर कर देती हैं।
भगवान ऐसी नटखट लीला क्यों करते हैं ऐसे चंचल एक जगह बैठते ही नहीं इसलिए ऐसा करते हैं क्योंकि इन लीलाओं का श्रवण जो करेगा निरंतर चिंतन करेगा मनन करेगा उसके मन की सारी चंचलता दूर हो जाएगी । चंचल कृष्ण की चंचल लीलाओं का श्रवण चिंतन मनन करने से मन की चंचलता दूर हो जाती है इसलिए भगवान ऐसी लीलाएं करते हैं।
साथ ही आज की कथा में प्रवेश करते हुए पूज्य श्री ने रासलीला की विस्तार पूर्वक कथा सुनाई। यह रासलीला क्या है? काम पर विजय की कथा है? कथा के अंतर्गत बाला भवानी आश्रम गणेशगंज से ब्रह्मचारी श्री राघवानंद जी महाराज का कथा पंडाल में आगमन हुआ साथ ही आज रुक्मणी एवं कृष्ण की झांकी बना कर भगवान कृष्ण और रुक्मणी का विवाह आदि किया गया।
ताजासमाचार ग्रुप से जुड़ने लिंक मांग सकते हैं। वाट्सएफ नम्बर 94 2462 9494 से । या न्यूज के नीचे जाए और दिए गए वाट्सएफ जवाइन निर्देश बॉक्स में दो बार क्लिक कर ग्रुप में ज्वाइन हो सकते हैं। संतोष दुबे, सिवनी।