सिवनी। चुनाव दो विचारधाराओं का है। एक तरफ नरेंद्र मोदी हिंदुस्तान के दो-तीन अरबपतियों के लिए काम करते हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी गरीबों, किसानों, मजदूरों, पिछड़े वर्ग, आदिवासियों के लिए, दलितों के लिए काम करती है। लड़ाई इन दोनों के बीच में है। नरेंद्र मोदी जी के राज में 22 लोग हैं। इन 22 लोगों के पास इतना धन है जितना 70 करोड़ हिंदुस्तानियों के पास नही है। नरेंद्र मोदी जी ने आदिवासी युवाओं की शिक्षा के लिए कर्ज माफ नहीं किया। किसानों का, मजदूर का कर्ज माफ नहीं किया। मगर सबसे बड़े अरबपतियों का 16 लाख करोड़ रूपया कर्ज माफ किया है। उक्ताशय की बात सिवनी जिले के धनोरा मुख्यालय में पहुंचे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को अपने उद्बोधन में कहीं।
उन्होंने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि अगर उनका कर्ज माफ हो, अरबपतियों का माफ हो तो फिर हिंदुस्तान के किसानों का भी हो। मजदूर, आदिवासी का भी हो और अगर इनका नहीं होता फिर उनका भी ना हो। याद रखिए की दिल्ली में मैं आपका सिपाही हूं जो भी आप करवाना हो जो भी आप मुझसे चाहे आपको सिर्फ ऑर्डर देना है मैं हाजिर हो जाऊंगा।
हम एक नया कानून ला रहे हैं जैसे हमने मनरेगा लाए थे और कहा था जो भी गरीब है उसे 100 दिन का रोजगार गारंटी के साथ मिलेगा। कांग्रेस पार्टी ने यह सालों पहले योजना लाए थे। नरेंद्र मोदी ने बंद करने की कोशिश की। पैसा नहीं दिया गया। हम उस योजना को चलाएंगे। मगर हम एक नई योजना नया अधिकार देना चाहते हैं। हिंदुस्तान के हर युवा को, हर गरीब युवा को, आदिवासी दलित पिछड़े वर्ग के गरीब, जनरल कास्ट के लोगों को पब्लिक व प्राइवेट सेक्टर में 1 साल का अप्रेंटिसशिफ्ट का अधिकार देंगे। बड़ी से बड़ी कंपनी में सरकारों में अस्पतालों में अलग-अलग संस्थानों में उसे 1 साल की अप्रेंटिसेंसी मिलेगी। एक साल का 1 लाख रुपए मिलेगा और जो अच्छा काम करेगा तो उसको वहीं नौकरी मिल जाएगी।
जब मैं यहां यात्रा में निकला था तो युवाओं की एक शिकायत थी। व रोते हुए कहते थे कि राहुल जी हमने सालों के लिए एग्जाम की तैयारी की, ट्यूशन का पैसा दिया और जिस दिन परीक्षा होती है उस दिन हमें पता लगता है की बच्चों ने पैसा देकर पेपर खरीद लिया। हम पढे, हमने मेहनत की और फायदा किसको हुआ जो पढ़ा नही। जिसने पैसे देकर पेपर खरीद लिया। पेपर लीक के खिलाफ एक कानून बना कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्राइवेट कंपनियों से पेपर करवाए जाते हैं, चेकिंग की जाती है। सरकार बनते ही हम सारा की सारा इसे बंद कर देंगे।
नरेंद्र मोदी जी किसान बिल लाए कानून लाए और लाखों किसान सड़क पर उतर पड़े। पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में किसानों ने कानून का विरोध किया। किसान अनाज का सिर्फ सही दाम चाहता है।
हिंदुस्तान की सरकार में 30 लाख सरकारी वैकेंसी हैं। 30 लाख सरकार के पास रोजगार है जो बीजेपी के लोग आपको देते नहीं है। वे आपको कॉन्ट्रैक्ट में रखकर काम लेते हैं। आपसे मजदूरी करवाते हैं, मगर सरकारी नौकरी आपको नहीं देते। इसलिए हमारा पहला कदम जैसे ही हमारी सरकार बनेगी यह जो 30 लाख सरकारी नौकरियां हैं। हम आपके हवाले कर देंगे।
बीजेपी का एक नेता मध्य प्रदेश में आदिवासी युवा के ऊपर पेशाब कर रहा था और वीडियो वायरल कर रहे हैं। आदिवासियों के भविष्य पर यह पेशाब करते हैं यह इनकी सोच है यह उनकी विचारधारा है।
आदिवासियों की आबादी देश में 8% है मैंने आंकड़े निकले हिंदुस्तान की सबसे बड़ी कंपनियों में उनके मालिकों में आदिवासी कितने हैं सीनियर मैनेजमेंट में आदिवासी कितने हैं आपको हैरानी होगी हिंदुस्तान की 200 बड़ी कंपनियों में वहां एक भी आदिवासियों का नाम नहीं मिलेगा।
आदिवासी वर्ग के काफी लोग हैं कांग्रेस पार्टी आपको आदिवासी कहती है और बीजेपी प्रधानमंत्री जी, अमित शाह जी, आरएसएस के लोग आपको वनवासी कहते हैं तो इन शब्दों के पीछे दो अलग-अलग विचारधाराए हैं। वह लोग जो इस देश के जमीन के पहले मलिक थे। आदिवासी का मतलब अगर आप पहले मालिक थे तो जमीन, जल, जंगल पर देश के धन पर आपका हक बनता है। वनवासी का मतलब वे लोग जो जंगल में रहते हैं। वनवासी का मतलब एक विचारधारा है। जो आपका इतिहास है, आपकी भाषाएं हैं, आपके जीने का तरीका है। वनवासियों को न जमीन, न जल, न जंगल का अधिकार मिलना चाहिए क्योंकि वनवासी का मतलब आप जंगल में रहते हो। जंगल में आपको कैसे अधिकार मिलेगा। आदिवासी का मतलब आप ओरिजिनल मालिक हो देश के। पहले मालिक हो और पहले मलिक का देश के धन, जल, जमीन, जंगल पर अधिकार बनता है।
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