सिवनी। शहर सीमा से लगे लखनवाड़ा वैनगंगा नदी तट पर शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन पहुंचे जहां उन्होंने पितरों को विदाई देते हुए पवित्र वैनगंगा नदी में काली तिल व अन्य सामग्री नदी में प्रवाहित करते हुए दीपदान किया।
पितृ पक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध करने से जीवन में आने वाली बाधाएं परेशानियां दूर होती हैं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
राघवेन्द्र शास्त्री ने बताया कि पौराणिक ग्रंथों में वर्णित किया गया है कि देवपूजा से पहले जातक को अपने पूर्वजों की पूजा करनी चाहिए। पितरों के प्रसन्न होने पर देवता भी प्रसन्न होते हैं। यही कारण है कि भारतीय संस्कृति में जीवित रहते हुए घर के बड़े बुजुर्गों का सम्मान और मृत्योपरांत श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि अगर, विधिनुसार पितरों का तर्पण न किया जाए तो उन्हें मुक्ति नहीं मिलती है। उनकी आत्मा मृत्युलोक में भटकती रहती है।









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