धर्म मध्य प्रदेश सिवनी

कामदेव के अंहकार को नष्ट करने भगवान कृष्ण ने की थी महारासलीला : धर्मवीर अजित

सिवनी। कामवासना से विजय पाने के लिए ही भगवान श्री कृष्ण की रासलीला रची थी। यह बात नगर ड्रीमलैंड सिटी में जारी श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक अजीत तिवारी महाराज ने गुरुवार को श्रद्धालुजनों से कहीं।

कथावाचक ने कहा कि श्री कृष्ण ने मात्र 8 वर्ष की अवस्था में कामदेव के अभिमान को खत्म करने और गोपिकाओं के मनोरथ को पूर्ण करने के लिए महारासलीला की। भगवान का एक गुण है कि वे अपने भक्त को अपनाने से पहले एक बार पद, प्रतिष्ठा, ऐश्वर्य आदि देकर परख लेते हैं।

इसलिए बंसी बजाकर गोपियों को बुलाने वाले कृष्ण ही गोपियों के आने पर उनसे पूछते हैं कि इतनी रात को यहां क्यों आई हो। आप सभी को अपने-अपने बंधु-बांधवों के पास वापस लौट जाना चाहिए। लेकिन गोपियां वापस नहीं लौटती। इस परीक्षा में सफल हो जाने के बाद ही कृष्ण गाेपियों के साथ महारास लीला में प्रवेश करते हैं। इसके बाद जब भगवान को पता चलता है कि गोपियों को कृष्ण के सानिध्य का अहंकार हो गया है तो वे महारास से अद्श्य हो जाते हैं। गोपियों के अंहकार के चूर करने के बाद ही पुन: महारास में शामिल होते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि जब कंस के बुलावे पर अक्रूर जी भगवान को लेने वृंदावन से मथुरा लेकर जाते हैं, तब सभी गोपियां करूणा से अभिभूत होकर भगवान को जाने से रोकने के लिए उनके रथ के पहियों को ही अपने हाथों से पकड़ लेती हैं और जाने नहीं देती। इस पर भगवान श्रीकृष्ण के समझाने पर गोपियां उन्हें जाने देती हैं। मथुरा पहुंचते ही भगवान श्रीकृष्ण और बलराम अपनी तरह-तरह की लीलाओं से मथुरावासियों को अभिभूत कर देते हैं।

समय बीतने के साथ जब गोपियों से बिछोह से कृष्ण उदास रहने लगते हैं तो उद्धव उन्हें ब्रह्म ज्ञान देते हुए समझाने का प्रयास करते हैं। इस पर भगवान कृष्ण उद्धव के वृंदावन जाकर गोपियों को समझाने के लिए कहते हैं। ब्रह्म ज्ञान से भरे उद्धव जब वृंदावन पहुंचकर गाोपियों को समझाने की कोशिश करते हैं तो गोपियों के सामने उनकी एक नहीं चलती। गाेपियां कहती हैं कि जिस योग-साधना के बल पर तुम हमें कृष्ण प्रेम से दूर करने को कह रहे हो ये सब ज्ञान हमारे लिए व्यर्थ है।

अगर तुम चाहते हो कि कृष्ण को छोड़कर किसी और प्रशंसा न करने वाली हम गोपियां तुम्हारा बखान करें तो एक काम कर दो। हमें श्रीकृष्ण से मिला दो। आखिर में उद्धव का ब्रह्म ज्ञान भी गोपियों के सामने हार गया। इस प्रसंग का रहस्य समझाते हुए कथा व्यास कहते हैं कि मथुरा और वृंदावन की भौतिक दूरी कोई बहुत ज्यादा नहीं है। वास्तव में गोपियां चाहती हैं कि मथुरा में रहने वाले ऐश्वर्य से घिरा हमारा कृष्ण वो ऐश्वर्यता को छोड़कर वृंदावन की माधुयर्ता के साथ हमें अपना ले। इसी प्रकार जीवन में ऐश्वर्यता को छोड़कर माधुर्यता की ओर जाने पर ही हमें भगवान मिल सकते हैं।

कथा आयोजक डॉ. अशोक जगदीश, शैल तिवारी ने बताया कि शुक्रवार को सुदामा चरित्र की कथा कथावाचक धर्मवीर अजीत तिवारी द्वारा बताई जाएगी।

 — — — — — — — — — — — — — — — — — — — — —  ताजासमाचार ग्रुप से जुड़ने लिंक मांग सकते हैं। वाट्सएफ नम्बर 94 2462 9494 से । या न्यूज के नीचे जाए और दिए गए वाट्सएफ जवाइन निर्देश बॉक्स में दो बार क्लिक कर ग्रुप में ज्वाइन हो सकते हैं। संतोष दुबे, सिवनी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *