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15 Oct 2025, Wed

आवास योजना के पक्के मकान की हकीकत बयां कर रही शहर से लगी ग्राम पंचायत के गांव

सिवनी। हर व्यक्ति का अपना स्वयं का पक्का मकान हो, इसको मूर्त रूप देने के लिए सरकार की आवास योजना शुरू किया गया है जिसका लाभ कहीं-कहीं तो ठीक-ठाक नजर आता है, वही जिले के अनेक गांव के पात्र हितग्राही ऐसे हैं जो कई सालों से जर्जर, कमजोर, क्षतिग्रस्त मकान में रहने मजबूर हैं। आवेदन देने के बाद भी पात्र हितग्राहियों के नाम लंबे समय से कतार में हैं। सरपंच, सचिव से बार-बार मांग के बाद भी योजना के लाभ से गरीब ग्रामीण पक्के आवास से वंचित हैं।

जिला मुख्यालय से कटंगी रोड स्थित लगभग 6 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत मैली के अंतर्गत गांव सुकतरा बाम्हनदेही में पात्र हितग्राहियों को अभी तक पक्के आवास की सुविधा नहीं मिली है। ग्रामीण अपने कच्चे जर्जर मकान में रहने मजबूर हैं। इनमें से अनेक कच्चे मकान ऐसे हैं जिनकी दीवारें अत्यधिक कमजोर हैं। घर के लोग अपने नन्हे बच्चों के साथ मकान कब गिर जाए इस दहशत के साए में दिन गुजारने मजबूर हैं। बाम्हनदेही निवासी ग्रामीणों ने बताया कि यहां लगभग 10 मकान ऐसे हैं जो पूरी तरह से जर्जर है। कच्चे मकानों की एक तरफ की दीवारें पूरी तरह से गिर चुकी है। किन्हीं के घर की छत पूरी तरह से खराब हो गई है। कच्चे मकान की छत में गरीब ग्रामीण बारिश धूप से बचने पॉलिथीन लगाकर किसी तरह से गुजर बसर कर रहे हैं गांव बाम्हनदेही के पात्र हितग्राहियों गरीब ग्रामीणों में दिनेश काकोडिया, भारत काकोडिया, बिसन काकोडिया, रामदयाल, हंसू, रेखा भलावी ऐसे अनेक ग्रामीण हैं जो अपने जर्जर, कच्चे मकान में दिन गुजार रहे हैं। गरीबी रेखा का कार्ड होने के साथ ही कई बार पंचायत में पक्के मकान की अर्जी लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक टूटे मकान में रहने को मजबूर हैं। वहीं ग्रामवासियों ने यह भी आरोप लगाया कि गांव में कुछ ऐसे भी लोगों के भी मकान पक्के मकान बन गए हैं जिनके पहले के मकान की दशा ठीक-ठाक थी। जबकि गांव में अभी कई ऐसे मकान हैं जो कब धरासाही हो जाएं कहा नहीं जा सकता। लेकिन इन मकानों की जर्जर अवस्था को न पंचायत के कर्मी देख रहे हैं और ना ही अधिकारी कर्मचारी। वही ग्रामवासी दिनेश ने बताया कि उनके तीन छोटे बच्चे हैं। घर की दो अलग-अलग जगह की दीवार गिर चुकी है। अन्य दीवारों में भी काफी दरारें आ चुकी हैं वहीं भारत काकोडिया पिता सुम्मर ने बताया कि घर की एक दीवार के सहारे पूरा घर टिका है। जरा सी तेज आंधी व बारिश से घर छोड़कर दूसरों के घर जाकर शरण लेना पड़ता है। शहर सीमा से कुछ ही दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत मैली में 5 गांव आते हैं। जिनमें सुकतरा बामहदेही, पिपरिया, केकड़वानी, कोकीवाड़ा व मैली आते हैं। ग्रामवासियों ने बताया कि यह स्थिति सिर्फ बहमनदेही कि ही नहीं है अपितु पंचायत मैली के अंतर्गत आने वाले अन्य गांव के गरीबों के भी कई मकान अत्यधिक जर्जर हालत में हैं। पक्के मकान में रहने गरीब ग्रामीण इसके लिए आवास योजना में अपना नाम जुड़वाने के लिए भी कई सालों से प्रयासरत हैं। लेकिन पंचायत द्वारा कुछ ना कुछ बहाना बताकर योजना का लाभ जिन पात्र हितग्राहियों को दिया जाना है उन्हें वंचित रखा जा रहा है। ग्रामवासियों ने कलेक्टर से मांग की है कि गांव बामनदेहि का निरीक्षण कर यहां जिन-जिन लोगों के कच्चे मकान हैं उन्हें शीघ्र ही पक्के आवास योजना का लाभ दिलाया जाए।

— — — — — — — — — — — — — — — — — — — — —  ताजासमाचार पढ़ने के लिए न्यूज के नीचे दिए गए वाट्सएफ जवाइन निर्देश बॉक्स में दो बार क्लिक कर ग्रुप में ज्वाइन हो सकते हैं, या 94 2462 9494 सेव कर ज्वाइन की लिंक मांग सकते हैं। संतोष दुबे सिवनी।

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