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15 Oct 2025, Wed

बघीरा (काला तेंदुआ) दिख रहा पेंच राष्ट्रीय उद्यान के खवासा बफर क्षेत्र में

सिवनी। इन दिनों पेंच राष्ट्रीय उद्यान के खवासा बफर क्षेत्र में बीते तीन दिन से बघीरा (काला तेंदुआ) सैलानियों को लुभा रहा है। इस काले तेंदुए को देखने बंगाल, नासिक, मुंबई व महाराष्ट्र के कई शहरों के अलावा अन्य महानगरों से बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। शनिवार व रविवार को शाम सफारी में यह काला तेंदुआ सैलानियों को नजर आया। इस दुर्लभ काले तेंदुए के फोटो और वीडियो फोटोग्राफर द्रतिमान मुखर्जी, ऋतुराज जायसवाल व इमरान खान ने अपने कैमरे में कैद किए। पेंच पार्क प्रबंधन ने भी अपने फेसबुक पेज पर भी काले तेंदुए के वीडियो को पोस्ट किया है।

सबसे पहले 2020 में दिखा था – पेंच राष्ट्रीय उद्यान के खवासा बफर क्षेत्र में सबसे पहले जुलाई 2020 में काला तेंदुआ दिखाई दिया था, इससे अनुमान लगाया जा रहा था कि वर्तमान में भी वही काला तेंदुआ दिखाई दे रहा है लेकिन जानकारों के अनुसार इस समय खवासा बफर में दिखाई देने वाला काला तेंदुआ अलग है। इसकी उम्र करीब नौ माह बताई जा रही है। पार्क प्रबंधन के मुताबिक जुलाई 2020 में दिखाई देने वाला काला तेंदुआ महाराष्ट्र क्षेत्र में चला गया था।अब दूसरा दुर्लभ काला तेंदुआ सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

‘द जंगल बुक’ के प्रमुख किरदार हैं बघीरा और मोगली
रुडयार्ड किपलिंग की प्रसिद्ध किताब ‘द जंगल बुक’ और उस पर बने धारावाहिक के प्रमुख किरदार भेड़िया बालक मोगली की जन्मभूमि पेंच राष्ट्रीय उद्यान को माना जाता हैं। मोगली और काले तेंदुआ बघीरा के बीच गहरी दोस्ती के किस्से भी प्रसिद्ध हैं। एक जमाने में यह धारावाहिक पूरे देश में प्रसिद्ध हुआ था। कहानी के इसी पात्र बघीरा से काले तेंदुए को जोड़ा जा रहा है।

अलग प्रजाति नहीं है काला तेंदुआ – विशेषज्ञ बताते हैं कि काला तेंदुआ भी अन्य तेंदुओं की तरह ही होता है। यह अलग से कोई प्रजाति नहीं है। केवल जैनेटिक म्यूटेशन के कारण इनका रंग काला हो जाता है। इसी कारण ऐसे तेंदुओं की उपलब्धता किसी भी घने और नमी वाले जंगलों में हो सकती है।

पेड़ व पत्थरों के बीच दिख रहा तेंदुआ – पेंच नेशनल पार्क के खवासा बफर के परिक्षेत्र अधिकारी राहुल उपाध्याय ने बताया है कि इस काले तेंदुए को देखने दूर-दूर से सैलानी पहुंच रहे है। वर्षा के कारण बफर क्षेत्र में एक दो वाहन में ही सैलानी बफर के सफर का लुत्फ उठाने पहुंच रहे थे, लेकिन अब काला तेंदुआ नजर आने से शनिवार व रविवार को 15 से 20 वाहनों में दूर-दूर से आए सैलानियों ने बफर में सफर कर काले तेंदुए का करीब से दीदार किया।

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